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सर्वोच्च न्‍यायालय का मीडिया को निर्देश : अप्रमाणित समाचारों का प्रसार न करें जिनसे दहशत फैल सकती हो 

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hastakshep
01 Apr 2020
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Don’t disseminate unverified news capable of causing panic: SUPREME COURT to Media

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नई दिल्ली, 01 अप्रैल 2020 : सर्वोच्च न्‍यायालय ने प्रिंट, इलेक्‍ट्रॉनिक और सोशल मीडिया सहित मीडिया को जिम्‍मेदारी की प्रबल भावना बरकरार रखने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि ऐसे अप्रमाणित समाचारों का प्रसार न होने पाए, जिनसे दहशत फैल सकती हो।

There was panic due to fake news

सर्वोच्च न्‍यायालय ने इस बात पर ध्‍यान दिया है कि शहरों में काम करने वाले कामगारों के बड़ी संख्‍या में प्रवासन का कारण इस फेक न्यूज के कारण फैली दहशत थी कि लॉकडाउन (Lockdown) तीन महीने से ज्‍यादा अवधि तक चलने वाला है।

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शीर्ष अदालत ने गौर किया है कि इलेक्‍ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया द्वारा प्रसारित की जाने वाली फेक न्‍यूज की अनदेखी कर पाना उसके लिए संभव नहीं है, क्‍योंकि इनसे फैली दहशत के कारण हुए प्रवासन ने उन ऐसे समाचारों का पालन करने वाले लोगों की तकलीफें बेतहाशा बढ़ा दीं, इसके कारण कुछ लोगों को जान तक गंवानी पड़ी।

न्‍यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि वह महामारी के बारे में निष्‍पक्ष चर्चा पर दखल नहीं देना चाहता, लेकिन साथ ही न्यायालय ने मीडिया को घटनाक्रमों के बारे में आधिकारिक विवरण का संदर्भ लेने और प्रकाशन करने का निर्देश दिया है।

इस आदेश का पूर्ण मूलपाठ इस यूआरएल पर पढ़ा जा सकता है :

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https://mib.gov.in/sites/default/files/OM%20dt.1.4.2020%20along%20with%20Supreme%20Court%20Judgement%20copy.pdf

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