Advertisment

अली इमाम ए मनस्तो मनम गुलाम ए अली

author-image
hastakshep
13 May 2021
New Update
ईद सादगी के साथ कैसे मनाएं ?

Advertisment

चाँद, ईद का चाँद सामने,

Advertisment

अभी धूँधलका हो रहा था, कुछ गाड़ियों की हेड लाईट जल गयी थीं।

Advertisment

सामने दूर आसमान में एक प्रतीबिंब सा उभरा, मैंने समय को  तलाशा,7.36।

Advertisment

गाड़ी चलाते हुये फिर सामने सड़क पर आँखें टिक गयी।

Advertisment

ध्यान आया कि ये जरनैली सड़क है, पश्चिम की ओर बढ़ रहे थे हम।

Advertisment

अब ये हाईवे में तबदील हो चुकी है। फोर लेन।

Advertisment

हल्का सा घुमाव सड़क का एक गांव को अब कुछ दूर कर रहा था।

लेकिन गांव के क्षितिज पे फिर एक हल्की सी रोशनी आँखों के सामने उभार गयी। मानो कह रही हो कि जी भर के निहार लो।

जाने कितनी ही दुनियां की खुशियां, सूकूँ और यकीं समेटे हुये।

थोड़ा धीरे करके देखा तो वाकयई बेहद खूबसूरत।

अन्यास ही एक मुस्कुराहट का अहसास हुआ।

तब से सोच रहा हूँ

एक यकीन कितना गहरा, कितना शदीद।

'अली इमाम ए मनस्तो मनम गुलाम ए अली

हज़ार जान ए गिरामी फिदा ए नाम ए अली'

मन कुंतो मौला

मन कुंतो मौला।

जगदीप सिंधु

sindhu jagdeep

sindhu jagdeep

Advertisment
सदस्यता लें