Esma Yogi government's another attack on the working class: CPI (ML)
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लखनऊ, 24 मई। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने योगी सरकार द्वारा एस्मा (आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) लगाने और हड़ताल के लोकतांत्रिक अधिकार पर छह महीनों तक पाबंदी लगाने की निंदा की है। पार्टी ने इसे कर्मचारियों-श्रमिकों पर सरकार का एक और हमला बताया है।
माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने रविवार को जारी बयान में कहा कि कोविड-19 को ढाल बनाकर योगी सरकार एक-के-बाद-एक मजदूर-विरोधी फैसले थोप रही है। उसने कर्मचारियों-पेंशनभोगियों के वेतन-भत्तों में कटौती की, कामगारों को न्यूनतम लोकतांत्रिक अधिकार दिलाने वाले श्रम कानूनों को स्थगित किया और अब एस्मा लगा दिया, ताकि वे सरकार के श्रमिक-विरोधी फैसलों के खिलाफ आवाज न उठा सकें। एस्मा काला कानून है और इसे लागू करने का निर्णय योगी सरकार की तानाशाही पूर्ण कार्रवाई है। भाजपा सरकार मजदूरों पर सर्वाधिक हमलावर है। वह सारी कटौती मजदूरों के हक-अधिकार में ही कर रही है, जबकि मालिकों पर हर तरह से मेहरबान है।
Modi government is making economic policies that sell the country
राज्य सचिव ने कहा कि कोविड-19 की आड़ में एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार देश को बेचने वाली आर्थिक नीतियां बना रही है, वहीं यूपी की योगी सरकार लोकतंत्र को ही निलंबित करने की भगवा साजिश कर रही है। एफडीआई की सीमा बढ़ाने समेत आर्थिक नीतियों में अन्य बदलाव कर देश के संसाधनों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी, कारपोरेट व विदेशी मालिकों को सौंपने की जमीन तैयार की जा रही है, वहीं यूपी जैसे बड़े राज्य में कोई विरोध न हो, इसके लिए आपातकाल जैसे हालात तैयार किये जा रहे हैं। जबकि मेहनतकश वर्ग कोरोना महामारी के दौर में खुद ही तमाम खतरों और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का मुकाबला करते हुए तमाम मोर्चों पर डटा है, ऐसे में कड़े संघर्षों की बदौलत हासिल श्रम अधिकारों में कटौती अस्वीकार्य है। मजदूर वर्ग इसे कत्तई बर्दाश्त नहीं करेगा।