Fast and Health | Know how to take care of health in fasting
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व्रत और स्वास्थ्य | जानिए व्रत में सेहत का ख्याल कैसे रखें
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नई दिल्ली 16 अप्रैल 2022. व्रत रखने के दौरान बहुत से लोग अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देते हैं। वे पूरी सख्ती से दिन में केवल एक बार भोजन करने और व्रत खोलने तक बिना पानी के रहने, दिन में नमक केवल एक बार खाने और केवल आलू से बना भोजन खाने की परंपरा का पालन करते हैं। जिन लोगों को हृदय रोग, मधुमेह और उच्च रक्तचाप(Heart disease, diabetes and hypertension) जैसी लंबी बीमारियां हैं और गर्भवती महिलाओं के लिए यह सख्ती उचित नहीं होती। ऐसे मरीजों में जानलेवा समस्याएं हो सकती हैं और व्रत बेहद सावधानी के साथ डॉक्टर की सलाह से रखा जाना चाहिए।
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Diet plan for fasting | उपवास के लिए आहार योजना
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देशबन्धु में प्रकाशित एक पुरानी खबर में आईएमए के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया था,
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"अगर पोषण की उचित गुणवत्ता शरीर को मिलती रहे तो व्रत रखने से शरीर पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। जिन मरीजों को दिल की समस्याएं हैं, उन्हें आलू के पकौड़े और आलू के प्रोसेस्ड चिप्स, जैसी तली हुई चीजें न खाने की सलाह दी जाती है।
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डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को व्रत कब खोलना चाहिए | डायबिटीज के मरीज व्रत व्रत में क्या सावधानियां बरतें?
डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को उसी वक्त अपना व्रत खोल देना चाहिए, जब उनके ब्लड शुगर का स्तर (Blood sugar level) 60 एमजी से नीचे चला जाए। उन्हें दिन में काफी मात्रा में तरल आहार भी लेते रहना चाहिए, क्योंकि शरीर में डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण Dehydration) होने से लकवा या दिल का दौरा पड़ सकता है। टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित मरीजों में व्रत रखने से खतरा कम होता है, लेकिन टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों को व्रत बिल्कुल नहीं रखना चाहिए।
लंबी बीमारियों से पीड़ित लोग व्रत रखने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्यलें
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि लंबी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को व्रत रखते समय डॉक्टर से सलाह लेना बेहद आवश्यक होता है, क्योंकि नियमित तौर पर चल रही दवाओं की खुराक व्रत की वजह से 40 से 50 प्रतिशत तक कम करने की जरूरत हो सकती है।"
व्रत में सेहत का ध्यान रखने के लिए कुछ सेहतमंद सुझाव :
* सादा दही की बजाए लौकी का रायता खाएं
* बीच में बादाम खाए जा सकते हैं
* कुटृटू के आटे की रोटी कद्दू के साथ खाएं
* थोड़ी थोड़ी देर बाद उचित मात्रा में फल खाते रहें ताकि शरीर में पोषक तत्व बने रहें
* सिंघाड़े और कट्टू का आटा मिला कर पकाएं
* सिंघाड़ा अनाज नहीं, बल्कि फल है इस लिए इसे अनाज की जगह प्रयोग किया जा सकता है
* सिंघाड़े के आटे में ग्लूटन नहीं होता, इसलिए सीलियक बीमारी से पीड़ित (Suffering from sealing disease) या ग्लूटेन से एलर्जी वाले मरीज (Allergic patients from gluten) इसका प्रयोग कर सकते हैं।