भोपाल, 19 फरवरी 2021। पिछले तीन महीने से देश का किसान-कृषि और किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहा है। मगर इस शांतिपूर्ण आंदोलन की भी दमन की दम पर कुचलने की भाजपा सरकार की साजिशें कामयाब नहीं हो सकती।
Advertisment
यह कहना है राज्य के वामपंथी-धर्मनिरपेक्ष दलों का।
Advertisment
एक संयुक्त वक्तव्य में वामपंथी-धर्मनिरपेक्ष दलों ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार के इसी उससानेपूर्ण और दमनात्मक हरकत के तहत 18 फरवरी को ग्वालियर में पहले अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज सहित 48 कार्यकर्ताओ की जेल में डाल दिया और फिर कायराना और तानाशाहीपूर्ण तरीके से पिछले 50 दिन से चल रहे संयुक्त किसान मोर्चे के धरनों पर आधी रात को प्रशासन ने पुलिस बल के साथ हमला कर टेंट और बाकी सामान की जब्त कर लिया। साथ ही धरने पर सो रहे किसान कार्यकर्ताओं के साथ बदतमीजी भी की।
Advertisment
प्रदेश के वामपंथी और धर्मनिरपेक्ष दलों के नेताओं - मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव अरविंद श्रीवास्तव, सीपीआई (माले) की केन्द्रीय कमेटी के सदस्य देवेन्द्र सिंह चौहान, समानता दल के प्रदेशाध्यक्ष इंजी. महेश सिंह कुशवाहा, लोकतांत्रिक जनता दल के प्रदेश महासचिव स्वरूप नायक ने प्रेस को जारी एक बयान में पुलिस की इस दमनात्मक और कायरतापूर्ण हरकत की निंदा करते हुए गिरफ्तार नेताओं को बिना शर्त रिहा करने, शांतिपूर्ण धरने पर हमला करने वाले अधिकारियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज करने, टैंट का जब्त सामान वापस करने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि प्रशासन की यह हरकतें निंदनीय है। लोकतंत्र में प्रतिरोध की आवाज को न तो दबाया जा सकता है और न ही खामोश किया जा सकता है।
Advertisment
वामपंथी-धर्मनिरपेक्षत दलों के नेताओं ने कहा कि यदि मांगों को नहीं माना गया तो पूरे प्रदेश में विरोध कार्यवाहियां आयोजित की जाएगी।