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Flat buyers in trouble in lockdown, pay attention to government otherwise many people will be destroyed
नई दिल्ली, 09 अप्रैल 2020. कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 21 दिन का लॉकडाउन रियल स्टेट में बड़ी तबाही का कारण बन सकता है। सरकार को इस तरफ तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है।
एक फ्लैट खरीदार लक्ष्मण सिंह ने हस्तक्षेप को मेल करके अपनी व्यथा कही है, जो उन जैसे सैकड़ों खरीदारों की व्यथा हो सकती है।
लक्ष्मण सिंह ने लिखा है कि Hastakshep Jaroori Hai..
“आदरणीय महोदय, यह कोरोना आपदा के समय रेडिकुलस लग सकता है, लेकिन यह एक ऐसे व्यक्ति के लिए जीवन और मृत्यु का सवाल भी है, जिसकी जीवन भर की कमाई और बचत दांव पर है। आपसे आगे के समर्थन के लिए अनुरोध किया जाता है। मैंने एक बिल्डर के साथ एक फ्लैट बुक किया है जिसकी पहली किश्त 2020 में अग्रिम रूप से 4.5 लाख दी गई है। रजिस्ट्री के लिए 19 वें अप्रैल 2020 तक बिक्री का समझौता किया गया था, लेकिन अब यह संभव नहीं है। यदि बिल्डर समझौते की अवधि नहीं बढ़ाता है या धन वापस नहीं करता है तो यह मेरे लिए बहुत कठिन होगा और महोदय यह दूसरों के साथ भी हो सकता है।
आदरणीय महोदय, अगर आपको लगता है कि कुछ किया जाना चाहिए या सरकार को इस बारे में एक सलाहकार या दिशानिर्देश जारी करना चाहिए जैसे 3 महीने के लिए बैंक ईएमआई से छूट या स्कूल फीस भुगतान आदि से छूट तो कृपया हमें मजबूत मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ मदद करें। आदरणीय महोदय, मैं कह सकता हूं कि कम से कम 21 दिनों का लॉकडाउन अवधि का विस्तार सभी को दिया जाना चाहिए।“
यह पाठकों का हस्तक्षेप पर भरोसा है कि उन्हें लगता है उनकी जिस व्यथा को तथाकथित मेनस्ट्रीम मीडिया स्थान नहीं दे सकता, उसे हस्तक्षेप स्थान देगा। हालाँकि हमें अपनी सीमाएं पता है कि इस निष्ठुर समय में "हस्तक्षेप" जैसे जनपक्षीय मीडिया प्लेटफॉर्म की आवाज नक्कारखाने में तूती की आवाज है।
हम भी सरकार से अनुरोध करते हैं कि ऐसी समस्याएं देश भर में अन्य लोगों के साथ भी हो सकती हैं अतः सरकार इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी करें कि ऐसी सभी एग्रीमेंट्ल में भी तीन महीने का विस्तार स्वतः दिया जाए।