भविष्य से आँख भी मिला पाएँ, इसलिए उठिए और बोलिए

hastakshep
01 Oct 2020
भविष्य से आँख भी मिला पाएँ, इसलिए उठिए और बोलिए

कुछ बोलिए 

संतुलन न बिगड़ जाए

कुछ बोलिए

अंधेरा न बढ़ता रहे

कुछ बोलिए

भविष्य न हो मलिन

कुछ बोलिए

देश की आहुति न हो

कुछ बोलिए

कीट के काटने पर तो चुप थे

सर्पदंश पर तो कुछ बोलिए

जहर, मार दे देह को लकवा

उससे पहले ही कुछ बोलिए

वर्तमान, डरावना भूत न बने

इसलिए कुछ तो बोलिए

भविष्य से आँख भी मिला पाएँ

इसलिए उठिए और बोलिए।

- अनिल सोडानी

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