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The era of wind and solar has finally arrived
दुनिया भर में कुल बिजली उत्पादन में पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा का हिस्सा 10% से अधिक है, जो 2015 से दोगुना है (Wind energy and solar energy share more than 10% of total electricity generation worldwide, doubling since 2015)
- 10% Share of global electricity from wind and solar in 2021
- 50 Number of countries with over a tenth of electricity from wind and solar in 2021
- 38% Share of global electricity from clean power in 2021
- +7% Rise in power sector CO2 emissions
- +5% Demand for electricity
- 29% Share of demand growth in 2021 met by wind and solar
नई दिल्ली, 30 मार्च 2022. आज जारी हुई एक रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनिया के कुल बिजली उत्पादन में विंड और सोलर एनर्जी अब कम से कम 10 फीसद की हिस्सेदार है। दरअसल यह दोनों ऊर्जा स्रोत पिछले कुछ समय से तेज़ी से विकसित हो रहे हैं और 10 फीसद की हिस्सेदारी का यह आंकड़ा पिछले साल हासिल किया गया। और सबसे महत्वपूर्ण बात है कि दुनिया के 50 देशों में कुल बिजली उत्पादन का 10 फीसद से ज़्यादा विंड और सोलर से हासिल किया जा रहा है। इतना ही नहीं, ऐसे क्लीन एनर्जी स्रोतों ने 2021 में दुनिया की 38% बिजली का उत्पादन किया, जो कि कोयले (36%) से अधिक है।
एम्बर की तीसरी वार्षिक वैश्विक बिजली समीक्षा में सामने आए यह आंकड़े
दरअसल इन आंकड़ों का खुलासा हुआ है एक स्वतंत्र, गैर-लाभकारी थिंक टैंक एम्बर की तीसरी वार्षिक वैश्विक बिजली समीक्षा - Global Electricity Review 2022 में। डेटासेट और रिपोर्ट 2000 से 2020 तक 209 देशों के लिए बिजली उत्पादन को कवर करती है, जिसमें 2021 के नवीनतम डेटा75 देशों के लिए हैं। यह देश कुल वैश्विक बिजली मांग का 93% प्रतिनिधित्व करते हैं।
एम्बर के ग्लोबल लीड डेव जोन्स (Dave Jones) ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अंततः आ गया है पवन और सौरका दौर। अब मौजूदा ऊर्जा प्रणाली को फिर सेआकार देने वाली प्रक्रिया शुरू हो गई है। और इस दशक में उन्हें वैश्विक उत्सर्जन वृद्धि को उलटने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बिजली की गति से काम करने की आवश्यकता है।"
क्या कहती है एम्बर की वैश्विक बिजली समीक्षा 2022
एम्बर की इस रिपोर्ट वैश्विक बिजली समीक्षा 2022 से पता चलता है कि 50 देशों ने 2021 में पवन और सौर से अपनी बिजली के दसवें हिस्से से अधिक का उत्पादन किया, जिसमें दुनिया की सभी पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। चीन, जापान, मंगोलिया, वियतनाम, अर्जेंटीना, हंगरी और अल सल्वाडोर जैसे सात नए देशों ने 2021 में पहली बार यह मील का पत्थर पार किया। दुनिया भर में, विंड और सोलर का हिस्सा 2015, जब पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, के बाद से दोगुना हो गया है।
सबसे तेजी से परिवर्तन नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और वियतनाम में हो रहा है, जहां पिछले दो वर्षों में बिजली की मांग का लगभग दसवां हिस्सा जीवाश्म ईंधन से पवन और सौर में स्विच कर चुका है। 2021 में दस देशों ने पवन और सौर से अपनी बिजली का एक चौथाई से अधिक उत्पादन किया, जिसका नेतृत्व डेनमार्क ने 52% पर किया। यह दर्शाता है कि अक्षय ऊर्जा को सफलतापूर्वक ग्रिड में एकीकृत किया जा सकता है।
मगर बिजली की मांग फिर से बढ़ी, CO2 और कोयले में हुई रिकॉर्ड वृद्धि
कोविड महामारी के बाद बिजली की मांग (Electricity demand after covid epidemic) 2021 में अब तककी सबसे बड़ी वार्षिक वृद्धि (+1,414 TWh) तक पहुंच गई, जो दुनिया की बिजली कीमांग में एक नयाभारत जोड़ने के बराबर है। पवन और सौर उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि के बावजूद, उन्होंने 2021 में बिजली की मांग में वैश्विक वृद्धि का केवल 29% पूरा किया, बाकी जीवाश्म ईंधन से पूरा किया गया। नतीजतन, 2021 में, कोयला बिजली में कम से कम 1985 (+9%) के बाद से सबसे तेज वृद्धि देखी गई, जो 10,042 TWh के एक नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई।
कोयले में रिकॉर्ड वृद्धि वैश्विक गैस उत्पादन से मेल नहीं खाती, जो 2021 में केवल 1% की वृद्धि हुई। जीवाश्म ईंधन में वृद्धि (increase in fossil fuels) ने वैश्विक बिजली क्षेत्र के CO2 उत्सर्जन को 2018 के अब तक के सर्वकालिक उच्च स्तर के भी पार धकेल दिया।
विंड और सोलर की विकास दर को रखना होगा बरकरार
वर्ष 2021 में पवन और सौर उत्पादन में 17% की वृद्धि हुई। बिजली क्षेत्र को 1.5 डिग्री की तापमान वृद्धि के लिए ट्रैक पर लाने के लिए, पवन और सौर को 2030 तक हर साल 20% की चक्रवृद्धि विकास दर बनाए रखने की आवश्यकता है, जो कि पिछले दशक में विकास की औसत दर थी।
एम्बर के डेव जोन्स आगे कहते हैं, "स्वच्छ बिजली को अब एक बड़े पैमाने पर बनाने की जरूरत है।"
वैश्विक ताप को 1.5 डिग्री से अधिक न होने देने के लिए बिजली क्षेत्र पर सबसे ज़्यादा दारोमदार है। मई 2021 में, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने 2050 तक अपनी नेटज़ीरो रिपोर्ट प्रकाशित की, जो दर्शाती है कि बिजली क्षेत्र को 2020 में सबसे अधिक उत्सर्जक क्षेत्र से 2040 तक वैश्विक स्तर पर शुद्ध शून्य हिट करने वाला पहला क्षेत्र बनने की आवश्यकता है। एम्बर द्वारा जारी एक नयी रिपोर्ट, ग्लोबलइ लेक्ट्रिसिटी रिव्यू 2021, में वैश्विक एनर्जी ट्रांज़िशन में बदलाव की समीक्षा की गयी है और इलेक्ट्रिसिटी ट्रांज़िशन में साल-दर-साल बदलाव दिखाता है।
विश्लेषण से पता चलता है कि 1.5C को पहुंच के भीतर रखने के लिए पवन और सौर को 2030 तक हर साल 20% की उच्च चक्रवृद्धि विकास दर को कैसे बनाए रखना चाहिए। 2021 बस उस लक्ष्य (+17%) से कम हो गया, लेकिन प्रमुख देश दिखा रहे हैं कि इसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है। डेटासेट और रिपोर्ट 2000 से 2020 तक 209 देशों के लिए बिजली उत्पादन को कवर करती है, जिसमें वैश्विक बिजली की मांग का 93% का प्रतिनिधित्व करने वाले 75 देशों के लिए 2021 के नवीनतम डेटा शामिल हैं।