लखनऊ, 01 जनवरी 2020। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने नए साल के पहले दिन से लागू होने वाली रेलभाड़ा बढ़ोतरी (Railway freight increase) को रद्द करने की मांग की है। पार्टी ने इसे पहले से ही महंगाई, बेरोजगारी से जूझ रही जनता के कष्टों को और बढ़ाने वाला फैसला बताया है।
पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने अपनी त्वरित प्रतिक्रिया में कहा कि मोदी सरकार ने देशवासियों की परेशानियों को कम करने के बजाए उसे बढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। नष्ट होते रोजगार और मंदी की मार से बेहाल देशवासियों को राहत पहुंचाने की जगह उस पर और भी आर्थिक बोझ लगातार बढ़ाया जा रहा है। राहत तो सिर्फ कारपोरेट घरानों को पंहुचाई जा रही है। एक तरफ सीएए- एनसीआर-विरोधी प्रतिवाद को लेकर लोगों पर दमन ढाया जा रहा है, वहीं जनता की जेब पर भी हमले किये जा रहे हैं। रेलभाड़ा बढ़ने से महंगाई और भी बढ़ेगी। यह सरकार का जनविरोधी फैसला और नए साल की मायूस करने वाली शुरुआत है।
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