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मनरेगा में गरीब भूमिहीन को 100 दिन का या तो काम दिया जाए या पेमेंट दी जाए

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hastakshep
24 Apr 2020
कोरोना को हराने के लिए लॉकडाउन का 'जनता कर्फ्यू' की तरह करो दिल से पालन

Government to provide free milk to the needy by purchasing milk from cattle herders at market rate

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पशुपालकों से बाजार रेट पर दूध खरीद कर जरूरतमंदों में मुफ्त बाटे सरकार

प्रति व्यक्ति प्रति माह 15 किलो अनाज, 1.5 किलो दाल, खाद्य तेल और चीनी-मसाला दिया जाए

आजमगढ़ 24 अप्रैल 2020। पीपुल्स एलायंस और परिवर्तन पाठशाला के कार्यकर्ताओं ने कहा कि जिले में बेमौसम बारिश ने किसानों को तबाह कर दिया है। किसानों के साथ इस संकट की घड़ी में सरकार फसल का सर्वे करते हुए मुआवजा सुनिश्चित करे, जिससे कि किसान को अपने जीवन यापन करने में मदद मिल सके। गेहूं के लिए कांटे बढ़ाए जाएं, ताकि बाजार में आने वाला कुल 250 लाख टन गेहूं सरकार खरीद सकें। सरकार ने मात्र 55 लाख टन खरीदने की घोषणा की है। निजी साहूकार ₹1700 कुंतल का भाव दे रहे हैं जबकि सरकारी रेट 1925 रुपए का है।

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मजदूरों की संख्या को देखते हुए सरकार को बड़े महानगरों से मजदूरों को वापस लाने की व्यवस्था करनी चाहिए, जैसा कि कोटा के छात्रों के लिए उसने किया है। उच्च न्यायालय द्वारा नदी तल से बोट द्वारा खनन की स्वीकृत व्यवस्था के अनुसार बालू खनन करने की खुली छूट दी जानी चाहिए ताकि बालू मजदूरों की बेरोजगारी की समस्या हल हो सके।

मनरेगा में गांव के सभी गरीब भूमिहीन को काम देने पर जोर देते हुए मांग की गई कि कानून के अनुसार लॉक डाउन के दौर से ही इन सभी को 100 दिन का या तो काम दिया जाए या पेमेंट दिया जाए। राशन वितरण व्यवस्था में मांग की गई की प्रति व्यक्ति प्रति माह 15 किलो अनाज, 1.5 किलो दाल, खाद्य तेल और चीनी, मसाला दिया जाए।

गर्मियों को देखते हुए क्षेत्र में तुरंत खराब हैंडपंप की मरम्मत कराई जाए और नहरो का संचालन कराया जाए। इलाके में खुली घोषणा की जाए कि ट्रैक्टरों,  थ्रेसरो के आने-जाने पर कोई पुलिस सहमति की जरूरत नहीं है। सुबह-शाम सार्वजनिक परिवहन चलाकर सब्जी, फल, दूध, अंडे और मीट आदि की आपूर्ति के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए।

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चारे की आपूर्ति में सरकारी छूट दी जाए और सरकार पशुपालकों से बाजार रेट पर दूध खरीद कर जरूरतमंद गरीबों में मुफ्त बांटे ताकि पशुपालकों के संकट को हल किया जा सके।

गांवों में कोरोना रोकथाम के इरादों के पालन की व्यापक कमी का हवाला देते हुए मांग की है कि सरकार को ब्लॉक स्तर से ब्लॉक कर्मियों के माध्यम से कपड़ा व धागा उपलब्ध कराना चाहिए ताकि गांव के लोग स्वयं मास्क सिल सके और पहन सके, यदि संभव हो सके तो अन्यथा समूह निर्मित करा कर कार्यवाही तत्काल  सुनिश्चित कराएं। हाथ धोने व दूरी बनाए रखने के लिए जागरूकता कार्यक्रम अभियान को चलाना सुनिश्चित करें।

प्रदेश सरकार सख्त हिदायत देते हुए आदेश जारी करे कि सभी ब्लॉक प्रभारी अपने क्षेत्र में जरूरतमंदों गरीब, असहाय, दिहाड़ी प्रवासी मजदूरों को चिन्हित करें और उनकी जीवन उपयोगी समस्याओं के प्रति सचेत रहे जिससे कोई भूखा ना रहे, भूखा ना सोए।

गांव के कोटेदारों प्रधानों पर विशेष निगाह रखें। आए दिन आ रही शिकायतें यह बताती हैं कि इनकी भृष्टाचारी मानसिकता के कारण लोगों को खाद्यान्न सामग्री वितरण में हिला हवाली के कारण समस्याएं बनी हुई हैं। वही प्रधानों द्वारा जॉब कार्ड के नाम पर गोरख धंधा एवं अपने चहेतों को जॉब कार्ड का दिया जाना एक बड़ी समस्या है। पात्र व्यक्ति प्रधान की भ्रष्ट मानसिकता के कारण वंचित है जो लाभ नहीं पा रहे हैं।  जिससे कि पात्र व्यक्तियों के सामने समस्याएं बनी हुई हैं। इस पर ब्लॉक अधिकारी गंभीरता से संज्ञान लें।

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