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Has the Third World War originated on the pretext of the corona virus?
Corona virus is a battle of purely economic domination
यह covid 19 वैश्विक महामारी है। कोई इसे दूसरा महाभारत बता रहा है तो कोई अल्लाह का अजाब लेकिन आमजन इसे राजनीति बता रहे हैं।
लेकिन ये विशुद्ध रूप से आर्थिक वर्चस्व की लड़ाई जिसमें भौगोलिक पॉलिटिक्स वाले शह और मात देकर अगले सौ साल की नीति निर्धारित करने जा रहे हैं।
अतीत से कुछ सबक लीजिए और उसकी क्रोनोलॉजी को गंभीरता से समझने का प्रयास कीजिए।
Impact of the Spanish flu epidemic.
प्रथम विश्वयुद्ध से पहले क्या हुआ था जी ? स्वीडन में फ्लू फैला था तो दूसरे विश्वयुद्ध से पहले प्लेग।
दक्षिण एशिया को अगर हम नस्लवाद या संस्कृति के हिसाब से देखेंगे तो पाएंगे बंगाली लोग वैचारिक रूप से क्रांतिकारी रहे है, पंजाबी समुदाय योद्धा एवम् जीवट रहा है। इसीलिए बड़ी चतुराई से इन्हें दो-दो भागों में बांट दिया गया अंग्रेजों द्वारा।
जी हाँ गौर करिए अपने ही बंगाल के दो भाग पूर्वी बंगाल ( बांग्लादेश) और पश्चिम बंगाल। पंजाब के दो भाग पूर्वी पंजाब (भारत) और पश्चिम पंजाब (पाकिस्तान)।
फिर दूसरा विश्व युद्ध हुआ, यूरोप ने पहले तो हिटलर का खुलकर साथ दिया, फिर होलोकास्ट का प्रोपेगेंडा फैलाया और यहूदियों का फिलिस्तीन पर कब्ज़ा करवा दिया गया।
फिर खेल शुरू हुआ तेल जैसी कीमती सामान पर आधिपत्य जताने का। इसी के तहत इराक, कुरेद, अफ़ग़ान, यमन, सिरिया, लिबिया आदि।
इस दौरान पोलैंड के उप प्रधान मंत्री #वाल्डेमर पावलक ने इस चीनी विकास को "चीनवाद" का नाम दिया, जो कि पूंजीवाद या समाजवाद से बिल्कुल अलग है।
पावलक ने कहा कि चीनवाद सामाजिक शांति, बुनियादी ढांचे में निवेश, गरीबी हटाने और आर्थिक स्थिरीकरण को संदर्भित करता है।
मलेशिया के महाथिर मोहम्मद की सलाह पर चीन ने पाकिस्तान, रूस, मध्य एशिया और पोलैंड से यूरोप तक सिल्क रोड (बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव) का आविष्कार किया। (जैसे अतीत मे यूरोपियन से सिल्क रूट जिन्हें समुद्री शक्तियों के रूप जाना जाता था) यह दुनिया के इतिहास में $1 ट्रिलियन से अधिक के निवेश के साथ भूमि पर अपने आप मे सबसे बड़ी आर्थिक संरचना सिद्ध होगी।
पिछले कई सालों में तेजी से चीन के बढ़ते कदम वेस्टर्न पॉवर के लिए चिंता का विषय बन गए तो नई व्यवस्था की ओर कदम बढ़ाने शुरू किए जिसकी स्क्रिप्ट काफी पहले लिखी जा चुकी दिखती है।
देखा जाए तो चीन के बाद इटली ने ही इस करोना वायरस से सबसे ज्यादा नुकसान उठाया है क्योंकि इटली पहला यूरोपियन देश है, जिसने चीन की वन बेल्ट योजना यानी सिल्क ऑफ रोड में हिस्सा लिया।
दक्षिण एशिया में सबसे अधिक पाकिस्तान प्रभावित हुआ है और अभी आगे होगा भी। जो चीन के मध्य मुख्य कड़ी है साथ ही ईरान, जबकि ईरान के साथ इराक़ में कोई असर नहीं हुआ ! इस बात को समझने वाले कौन हैं ? शायद कोई नहीं ?
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दुखद कहिये या सुखद पहलू कहिए कि चीन ने पलट वार कर दिया और अब अमेरिका एवम् ब्रिटेन भयंकर दबाव में हैं। यदि वास्तव में यह महामारी है तो इसका अंत युद्ध से ही होना भी तय समझ लीजिए।
इसका सबसे बड़ा उदाहरण और ख़तरनाक पहलू हमारे पड़ोसी द्वारा घुटने टेकने और आत्मसमर्पण करते हुए अपने निज़ाम को चीन के हवाले करना है। जो भारत जैसी महाशक्ति को नहीं दिखाई दे रहा है। आने वाले समय में ये हमारी घाटी के लिए शुभ संकेत नहीं कहा जा सकता।
जाने अनजाने हम भी अनिर्णय लेकर अपने घर को लुटवा चुके हैं कि शायद हमारी जनता समझती है कि जल्द ही हमें विश्व गुरु का दर्जा मिलने वाला है, जबकि किसी वक्तव्य में कोई हमारा ज़िक्र भी नहीं करता।
अभी हमने मेडिकल स्टाफ के बीमे के नाम पर गरीबी में अपना आटा गीला किया है, यही हमारी मूर्खता है।
देखिएगा इन्हीं के हाथ देश का साम्राज्य बदलवाया जाएगा फिर इतिहास के काले पन्नों में इनका नाम भी दर्ज कर दिया जाएगा।
अमित सिंह शिवभक्त नंदी