#आपकी नज़र #शब्द सुबह के इस मौन इश्क़ को पढ़ा है तुमने ? hastakshep 05 Sep 2020 Follow Us शबनमीं क़तरों से सजी अल सुबह Advertisment रात की चादर उतार कर , जब क्षितिज पर अलसायें क़दमों से बढ़ती हैं , Advertisment उन्हीं रास्तों पर पड़े इक तारे पर पाँव रख चाँद डॉ. कविता अरोरा (Dr. Kavita Arora) कवयित्री हैं, महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाली समाजसेविका हैं और लोकगायिका हैं। समाजशास्त्र से परास्नातक और पीएचडी डॉ. कविता अरोरा शिक्षा प्राप्ति के समय से ही छात्र राजनीति से जुड़ी रही हैं। Advertisment फ़लक से उतर कर सुबह को चूम लेता है, नूर से दमकती शफ़क़ तब Advertisment बोलती कुछ नहीं , चिड़ियों की चहचहाटों में सिंदूर की डिबिया वाले हाथ को Advertisment चुप से पसार देती है , और फिर भर - भर कर चुटकियों में सजाये जाते हैं यह रूप के लम्हे , Advertisment सुबह के इस मौन इश्क़ को पढ़ा है तुमने ? डॉ. कविता अरोरा #सुबह #साहित्यिक कलरव #डॉ. कविता अरोरा #कविता Read More हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें {{message}} {{message}} Advertisment अगला आर्टिकल