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world heart day
पिछले तीन महीनों में भारत में हार्ट अटैक से संबंधित पूछताछ में 200% की वृद्धि - प्रैक्टो इनसाइट्स
हार्ट अटैक से संबंधित प्रश्न 75 फीसदी टियर 1 शहरों से आए
प्रैक्टो पर कार्डियोलॉजिस्ट से परामर्श करने वाले 8% रोगियों के अतीत में कोविड -19 से संक्रमित होने की आशंका थी -
दिल्ली, 27 सितंबर, 2022: इंडियन हार्ट एसोसिएशन (Indian Heart Association) के अनुसार, भारतीयों में हृदय रोग मृत्यु दर का नंबर एक कारण और एक साइलेंट महामारी की तरह है। पब्लिक हेल्थ के अनुमान से संकेत मिलता है कि दुनिया की आबादी का 20% से कम होने के बावजूद, भारत में दुनिया के हृदय रोग से संबंधित बोझ का लगभग 60% हिस्सा है। इसलिए विश्व हृदय दिवस (world heart day) के अवसर पर भारत की प्रमुख एकीकृत स्वास्थ्य सेवा कंपनी प्रैक्टो ने भारत के हृदय स्वास्थ्य रुझानों को लेकर व्यापक अभियान चलाया और पिछले तीन महीनों में दिल के दौरे (हार्ट अटैक) से संबंधित पूछताछ में 200% की वृद्धि देखी गई।
विगत दो वर्षों में दिल से संबंधित समस्याओं के कारण कई प्रसिद्ध हस्तियों के निधन की रिपोर्ट ने हृदय के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता को प्रभावित किया है। इसने विशेष रूप से महानगरों में रहने वाली शहरी आबादी के बीच सजगता बढ़ाई है। प्रैक्टो की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक यह इनसाइट्स में परिलक्षित होता है, जिसमें बेंगलूरु, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और पुणे सहित टियर 1 शहरों से हार्ट अटैक को लेकर 75% सवाल पूछे गए, जबकि 25% पूछताछ टियर 2 शहरों से आए।
दिल के दौरे संबंधी पूछताछ के अलावा क्या पूछा लोगों ने?
दिल के दौरे से संबंधित पूछताछ के अलावा, पिछले तीन महीनों में उच्च रक्तचाप को लेकर पूछताछ में 60% की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। इनमें से 92% पूछताछ टियर 1 शहरों से की गई थी, जबकि टियर 2 शहरों से केवल 7% पूछताछ की गई। यह छोटे शहरों और गांवों में हृदय संबंधी स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता की कमी के कारण हो सकता है। इसके अलावा परिधीय धमनी रोग (पेरिफेरल आर्टियल डिजिज़) से संबंधित प्रश्नों में भी 36% की वृद्धि हुई।
कंपनी के मुताबिक पता चला है कि काफी संख्या में लोग हृदय के स्वास्थ्य से संबंधित चिकित्सा हस्तक्षेप चाहते हैं, यहां कुछ अन्य अंतर्दृष्टि हैं जो हमारे अध्ययन में सामने आई हैं (पिछले तीन महीनों की सालाना आधार पर तुलना):
- कार्डियोलॉजी प्रैक्टो प्लेटफॉर्म पर शीर्ष 5 उभरती विशेषज्ञताओं में से एक बन गई है
- 56% परामर्श 30-39 वर्ष के आयु वर्ग से आए थे
- इनमें से 75% पुरुष और 25% महिलाएं थीं
- प्रैक्टो पर कार्डियोलॉजिस्ट से परामर्श (Consult Cardiologist on Practo) करने वाले 8% रोगियों के अतीत में कोविड -19 से संक्रमित होने की आशंका थी।
यह केवल दिखाने के लिए है कि जरूरी नहीं कि हृदय संबंधी स्वास्थ्य उम्र से ही संबंधित हो, यह जीवनशैली से संबंधित मुद्दा बन गया है, जिसमें कोविड -19 इसके ट्रिगर पॉइंट में से एक है।
प्रैक्टो के चीफ स्ट्रैटजी ऑफिसर डॉ. अलेक्जेंडर कुरुविला ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में हृदय स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे अधिक प्रचलित हो गए हैं, और पूछताछ में वृद्धि भी जागरूकता बढ़ने का संकेत देती है। महामारी के साथ, हमने तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए टेलीकंसल्टेशन की व्यापक स्वीकृति देखी है, क्योंकि रोगी अपने स्वास्थ्य का खुद ध्यान रख रहे हैं। प्रैक्टो में हम पूरे भारत में हृदय संबंधी देखभाल के लिए निर्बाध पहुंच प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि रोगी अब अपने स्वास्थ्य का खुद ध्यान रख रहे हैं। वास्तव में, हमने पिछले एक साल में अपने प्लेटफॉर्म पर 100 से अधिक कार्डियोलॉजिस्ट्स को शामिल किया है, ताकि मरीज अपने हृदय के स्वास्थ्य को सक्रिय रूप से प्रबंधित कर सकें।’’
इंदौर में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट और प्रैक्टो पर कंसल्ट्स डॉ मनोज बंसल एमडी, डीएम (कार्डियोलॉजी) ने कहा, ‘‘पिछले कुछ महीनों में, हमने युवाओं में हृदय रोग के खतरों और शुरुआती लक्षणों के बारे में जागरूकता देखी है। 24-25 वर्ष की आयु के पुरुषों ने हृदय संबंधी प्रश्नों और लक्षणों के साथ हमसे संपर्क किया है। उनमें से कई हाल में उच्च रक्तचाप से ग्रस्त हुए थे और इस बीमारी का पता लगने के बाद से बहुत अधिक चिंतित थे।
हार्ट अटैक की आशंका को कम करने के लिए क्या करें?
डॉ मनोज बंसल ने कहा कि,
“हार्ट अटैक की घटनाओं को कम करने के लिए योग और प्राणायाम सहित नियमित शारीरिक गतिविधियों को अपनी दैनिक जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए। स्कूल के दिनों से ही स्वस्थ खान-पान की आदत डालनी चाहिए। देश भर के स्कूलों में मध्याह्न भोजन हमारे देश के हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है और यह इसे सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन किया जाना चाहिए कि हमारी अगली पीढ़ी स्वस्थ और हेल्दी-हार्ट वाली हो।’’
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