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स्वास्थ्य : हड्डियों की सुरक्षा
नई दिल्ली, 24 जून 2022. हमारे शरीर में कंकाल तंत्र की भूमिका (role of skeletal system in our body) अहम है। हड्डियां हमारे शरीर को एक ढांचा और संरचना प्रदान करती हैं और इसके साथ ही ये शरीर में कुछ महत्वपूर्ण अंगों की सुरक्षा भी करती हैं। हड्डियां कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे खनिजों के भंडारण व मांसपेशियों को गति प्रदान करने के लिए भी सहायक है। बचपन से लेकर बूढ़े होने तक की अवस्था में हड्डियों में कई तरह के बदलाव आते हैं।
उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता जाता है ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा
30 साल की उम्र तक अस्थि द्रव्यमान घनत्व (bone mass density) अपने चरम पर पहुंच जाता है, जिसके बाद एकत्रित होने की तुलना में इस द्रव्यमान की मात्रा हड्डियों में धीरे-धीरे कम होने लगती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) की स्थिति उत्पन्न होने लगती है, जिसका विकास उम्र बढ़ने के साथ होता जाता है। इसमें अस्थियां कमजोर व भंगुर हो जाती हैं। ऐसे में यदि किसी कारणवश हड्डी टूट जाए तो इन्हें वापस जोड़ना काफी मुश्किल हो जाता है।
50 की उम्र के बाद हड्डियों की सुरक्षा और देखभाल जरूरी
आंकड़ों के हिसाब से 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों में हड्डियों के आसानी से टूट जाने की प्रवृत्ति होती है। दो में से एक महिला और चार में से एक पुरुष में हड्डी महज इस वजह से टूट जाती है, क्योंकि वे ऑस्टियोपोरोसिस के शिकार हैं। ऐसे में इनकी सही देखभाल बहुत जरूरी है।
ऑस्टियोपोरोसिस के कारण
ऐसे कई जोखिम कारक हैं, जिससे समय से पहले ही लोग इस रोग का शिकार हो जाते हैं। दैनिक आहार में कैल्शियम या विटामिन डी में कमी, कम शारीरिक गतिविधि, वजन का बेहद कम होना, नशे का सेवन, हार्मोन का अनियमित स्तर और कुछ निश्चित दवाइयों का सेवन ऑस्टियोपोरोसिस को वक्त से पहले दावत दे सकता है।
जानिए ऑस्टियोपोरोसिस क्या है?
बीते दिनों फादर्स डे के अवसर पर यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी गाजियाबाद वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक्स एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ अमित शर्मा ने बताया कि ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसके कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उनकी ताकत कम हो जाती है, वे सामान्य हड्डियों की तुलना में अधिक आसानी से टूट जाती हैं।
साइलेंट किलर है ऑस्टियोपोरोसिस
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डॉ अमित शर्मा ने कहा कि ऑस्टियोपोरोसिस को "साइलेंट किलर" कहा जाता है क्योकि इस बीमारी में बिना लक्षणों के फ्रैक्चर होने खतरा बना रहता है। अधिकांश लोग ऑस्टियोपोरोसिस को केवल एक "महिला रोग" के रूप में देखते हैं हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में, पुरुषों में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या को एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे के रूप में पहचाना गया है, विशेष रूप से 70 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में।
डॉ अमित शर्मा ने बताया कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 4-6% पुरुषों में ऑस्टियोपोरोसिस होता है। पुरुषों में ऑस्टियोपोरोसिस के कारण आजीवन फ्रैक्चर का जोखिम 13 से 25% तक होता है।
हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए जीवन शैली
देशबन्धु में प्रकाशित एक पुरानी खबर में फरीदाबाद के फॉर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल में हड्डी विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. हरीश घूटा (Dr. Harish Ghuta, Additional Director, Orthopedics Department at Fortis Escorts Hospital, Faridabad) ने जीवन शैली से संबंधित कुछ बातें साझा की हैं, जो हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में हमारी मदद करेंगी।
- कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर खाद्य और पेय पदार्थो को शामिल करना एक अच्छा कदम है। जैसे कि कम वसायुक्त दुग्ध उत्पाद यानी टोफू या सोया मिल्क, हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, सैमन (एक प्रकार की मछली), बादाम इत्यादि को अपने दैनिक आहार में जरूर लें।
- शरीर को हफ्ते में दो से तीन बार दस से पंद्रह मिनट के लिए धूप जरूर दिखाए, क्योंकि सूरज की रोशनी विटामिन डी का एक अच्छा स्रोत है।
- इसके अलावा फोर्टीफाइड दूध, अनाज, सैमन, टूना मछली, झींगा या ओऐस्टर में भी विटामिन डी की अच्छी मात्रा पाई जाती है।
- नियमित तौर पर कम से कम आधा घंटा शारीरिक कसरत अवश्य करें। इससे हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
- तम्बाकू या शराब का सेवन त्याग दें।
- उम्र बढ़ने पर अस्थियों में द्रव्यमान के घनत्व की जांच नियमित तौर पर कराएं।
Web title : How to protect bones with increasing age?