नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए 2005 में अमेरिका ने वीजा नहीं दिया था। तो शायद वे उसकी भड़ास इस तरह अन्य मुख्यमंत्रियों को विदेश यात्रा से रोक कर निकाल रहे हैं।
Modi is taking out his frustration by stopping foreign travel of Chief Ministers
आपने ठीक पढ़ा। नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए अमेरिका ने वीजा नहीं दिया था, तो वे उसकी खुन्नस देश के अन्य मुख्यमंत्रियों को विदेश यात्रा से रोक कर निकाल रहे हैं।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 6 और 7 अक्टूबर को इटली (रोम) में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल होने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 'यह कार्यक्रम राज्य की मुख्यमंत्री की भागीदारी के अनुकूल नहीं है' कहते हुए अनुमति नहीं दी गई। इससे नाराज ममता ने कहा, "उन्हें केवल 'ईर्ष्यावश' रोका गया है।"
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सेंट एगिडियो के समुदाय द्वारा इटली में आमंत्रित किया गया है। समाज सेवा के लिए समर्पित एक कैथोलिक संघ अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है। अगले महीने की 6 और 7 तारीख को होने वाले इस कार्यक्रम में 'पीपुल्स ऐज ब्रदर्स, फ्यूचर अर्थ' विषय पर चर्चा होगी। कार्यक्रम में पोप फ्रांसिस, इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी, विश्वव्यापी कुलपति बार्थोलोम्यू फर्स्ट और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के मौजूद रहने की संभावना है।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया। वे भवानीपुर में उपचुनाव होने के बाद रोम जाने की तैयारी कर रही थीं, लेकिन अचानक केंद्र सरकार ने सब पर पानी फेर दिया। इस पर ममता ने कहा, “अगर मैं इस कार्यक्रम में शामिल होती तो देश का सम्मान होता। इस कार्यक्रम में पोप एक ईसाई नेता के रूप में, मिस्र के इमाम एक मुस्लिम नेता के रूप में और मैं एक हिंदू महिला के रूप में देश का प्रतिनिधित्व करती। मुझे अनुमति नहीं देना शुद्ध ईर्ष्या के अलावा और कुछ नहीं है। हम हिंदुस्तान में तालिबानीकरण की अनुमति नहीं देंगे।”
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि उन्हें रोम ही नहीं बल्कि शिकागो, चीन, कैम्ब्रिज व सेंट स्टीफंस भी जाने की इजाजत नहीं दी गई।
उन्होंने कहा, "कई राज्य सीएम के विदेश दौर की इजाजत नहीं लेते, लेकिन मैं यह मांगती हूं, क्योंकि मैं अनुशासन पर सौजन्यता कायम रखना चाहती हूं। मुझे रोम ही नहीं बल्कि कई देशों की यात्रा की इजाजत नहीं दी गई। मुझे कितने कार्यक्रम में जाने से रोकोगे? आप मुझे चुप नहीं करा सकते।"
ममता को शिकागो जाने से भी रोका था―
इससे पहले मुख्यमंत्री ममता को शिकागो (अमेरिका) में हुई धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण के 125 साल पूरे होने के अवसर पर रामकृष्ण मठ और मिशन के वैश्विक मुख्यालय बेलूर मठ में एक सभा को संबोधित करने के लिए शिकागो जाने की भी अनुमति नहीं दी गई थी।
ममता बनर्जी ही नहीं बल्कि दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन का ऑस्ट्रेलिया दौरा रद्द होने के बाद दिसंबर 2018 में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी ऑस्ट्रिया दौरे पर जाने की मंजूरी मोदी सरकार ने नहीं दी थी। ब्रिटिश काउंसिल द्वारा ऑस्ट्रिया मे आयोजित एक तीन दिवसीय कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मनीष सिसोदिया को वहां जाना था। तब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे केंद्र की गंदी राजनीति करार दिया था।
इस पर मनीष सिसोदिया ने कहा था कि दुनियाभर के शिक्षाविदों के बीच 'हैपीनेस क्लास' के बारे में चर्चा होनी थी लेकिन मोदी जी नहीं चाहते कि मैं दिल्ली के सरकारी स्कूलों से 'हैपीनेस क्लास' का यह पैगाम दुनिया के सामने रखूं।
केजरीवाल को कोपेनहेगन जाने की मंजूरी नहीं दी थी―
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अक्टूबर 2019 में कोपेनहेगन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित 'सी-40 जलवायु सम्मेलन' में आमत्रित किया गया था जिसमें उन्हें दुनिया को बताना था कि उनकी सरकार ने दिल्ली में 25 फीसदी प्रदूषण कम करने में कैसे सफलता हासिल की। लेकिन विदेश मंत्रालय ने उन्हें वहां जाने की मंजूरी नहीं दी।
अंतरराष्ट्रीय राजनय को देखते हुए देश के किसी संवैधानिक पद पर आसीन विपक्षी नेता के भाग लेने पर सरकार को आपत्ति हो सकती है लेकिन धर्म, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण जैसे वैश्विक मामलों में निमंत्रित करने पर भाग लेने से रोकना उचित नहीं कहा जा सकता है।
इस प्रकार नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए 2005 में अमेरिका ने वीजा नहीं दिया था। तो शायद वे उसकी भड़ास इस तरह अन्य मुख्यमंत्रियों को विदेश यात्रा से रोक कर निकाल रहे हैं।
―श्याम सिंह रावत
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं.