Advertisment

सिकल सेल एनीमिया के उपचार के लिए हाइड्रोऑक्सीरिया को मंजूरी

author-image
hastakshep
28 Dec 2021
New Update
कहीं आपमें भी तो नहीं किडनी में खराबी की चेतावनी के लक्षण

Advertisment

क्या है सिकल सेल, इसके इलाज, कारण और लक्षण…

Advertisment

नई दिल्ली, 28 दिसंबर: सिकल सेल एनीमिया (एससीए) भारतीय आबादी में लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करने वाला एक सामान्य आनुवंशिक विकार है। यह बीमारी बच्चों में उनके माता-पिता के दोषपूर्ण बीटा ग्लोबिन जीन के साथ आती है, हालांकि माता-पिता स्वयं इस बीमारी से ग्रसित नहीं होते। करीब 0.4% आबादी इस बीमारी से पीड़ित है, जबकि 10% लोग इस बीमारी के वाहक हैं, जो नये एससीए रोगियों को जन्म देते हैं।

Advertisment

Hydroxyurea approved for treatment of sickle cell anemia

Advertisment

अधिकांश आनुवंशिक विकारों की तरह एससीए का कोई इलाज नहीं है। लेकिन दर्द, एनीमिया और गंभीर वासो-ओक्लूसिव जैसी समस्या के लिए लक्षणसूचक उपचार मौजूद हैं। अपेक्षाकृत सस्ती दवाओं में से एक, हाइड्रोऑक्सीरिया, जो बड़े पैमाने पर कैंसर रोधी एजेंट के रूप में उपयोग की जाती है, बिना किसी औपचारिक स्वीकृति के एससीए उपचार में भी प्रयोग की जाती है। लेकिन, अब सिकल सेल एनीमिया के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीयूरिया के उपयोग को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल की मंजूरी मिल गई है।

Advertisment

यह स्वीकृति एससीए के उपचार के लिए दवा की मानक खुराक के उपयोग को वैध बनाने के रास्ते खोलती है। इससे छोटी खुराकों के विभिन्न फॉर्मूलेशन डिजाइन करने का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा, जिससे एससीए ग्रसित बच्चों में दवा का बेहतर प्रभाव एवं अनुकूलन दर देखने को मिल सकती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि आगे चलकर यह सिरप-आधारित फॉर्मूलेशन के रूप में भी विकसित हो सकता है।

Advertisment

सीएसआईआर-सीसीएमबी के मुख्य वैज्ञानिक और सीएसआईआर-एससीए मिशन के मिशन निदेशक, डॉ. गिरिराज रतन चांडक का कहना है कि "सिकल सेल एनीमिया के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीयूरिया के उपयोग को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल की मंजूरी महत्वपूर्ण है। यह लक्षित स्क्रीनिंग कार्यक्रम के माध्यम से रोगियों की बेहतर पहचान करने में मदद करेगा। जबकि, स्क्रीनिंग कार्यक्रम का एक प्रमुख उद्देश्य आनुवंशिक और सामाजिक परामर्श के माध्यम से ऐसे बीमारी से ग्रसित बच्चों के जन्म को रोकना है, यह पहचाने गए रोगियों को व्यापक उपचार प्रदान करता है। इस संदेश को अब देश भर के चिकित्सकों तक पहुँचाने की जरूरत है, ताकि वे नियमित रूप से अपने मरीजों के लिए हाइड्रोऑक्सीरिया का उपयोग कर सकें।”

Advertisment

यह रोग जनजातीय आबादी के साथ-साथ महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा जैसे राज्यों की सामान्य आबादी में प्रमुखता से देखा गया है। एससीए बाल्यावस्था में जल्दी शुरू होता है। इससे प्रभावित बच्चों में, हीमोग्लोबिन की कमी (एनीमिया), शरीर में ताकत की कमी, कम विकास और अन्य असामान्यताएं तथा लगातार दर्द जैसी स्थितियाँ देखी जाती हैं, जिन्हें वासो-ओक्लूसिव जैसी गंभीर बीमारी के रूप में जाना जाता है।

व्यावसायिक रूप से उपलब्ध हाइड्रोऑक्सीरिया फॉर्मूलेशन, कैंसर-रोधी भूमिका को ध्यान में रखते हुए बनाए जाते हैं। इसीलिए, ये सामान्यत: आकार में बड़े (न्यूनतम 500 मिलीग्राम) होते हैं। वहीं, एससीए से ग्रसित बच्चे आमतौर पर कम वजन के होते हैं, और इसको ध्यान में रखते हुए इनकी खुराक अपेक्षाकृत कम होनी चाहिए।

वर्तमान में, व्यावसायिक रूप से उपलब्ध हाइड्रोऑक्सीरिया कैप्सूल के बड़े आकार के कारण एससीए रोगियों को इसकी सही खुराक देना मुश्किल होता है। हालांकि, हाइड्रोऑक्सीरिया थेरेपी के परिणाम बेहद प्रभावी होते हैं लेकिन, खुराक की सही मात्रा नहीं दिये जाने और इसमें आने वाली जटिलताओं के कारण अनुकूल परिणाम अपेक्षाकृत कम आते हैं। कभी-कभी इसके अप्रत्याशित परिणाम भी देखने को मिलते हैं ।

सीएसआईआर-सिकल सेल एनीमिया (सीएसआईआर-एससीए) मिशन के तहत छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में छह सीएसआईआर प्रयोगशालाओं और तीन सरकारी अस्पतालों के साथ वैज्ञानिक और चिकित्सक एक साथ मिलकर एससीए निदान और रोग प्रबंधन में विभिन्न खामियों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। मिशन के अंतर्गत उच्च रोग प्रसार वाले राज्यों में जनसंख्या-आधारित स्क्रीनिंग के माध्यम से रोगियों की पहचान और परिवार को उचित उपचार में मदद करने एवं अगली पीढ़ी में बीमारी को रोकने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

सीएसआईआर-एससीए मिशन का समन्वय हाइड्रोऑक्सीरिया के निर्माताओं में से एक सिप्ला के सहयोग और सीएसआईआर-आईआईआईएम के सक्रिय समर्थन से, सीएसआईआर-कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केन्द्र (सीएसआईआर-सीसीएमबी) द्वारा किया जा रहा है।

एससीए उपचार में हाइड्रोऑक्सीरिया के उपयोग की मंजूरी के लिए भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल से आग्रह किया गया था। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा गठित विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा एससीए के उपचार के लिए हाइड्रोक्सीयूरिया के प्रस्ताव और अनुमोदित विपणन के गहन मूल्यांकन के बाद यह मंजूरी प्रदान की गई है।

(इंडिया साइंस वायर)

Topics: CSIR, CCMB, ICMR, MoHFW, AIIMS, Sickle Cell Anemia, Hydroxyurea, DCGI, SCA, Genetic, Disorder, Red blood cells, Beta globin, Gene, Tribal, Children, Haemoglobin, Abnormalities, Vaso-occlusive crisis, CSIR-SCA Mission.

Advertisment
सदस्यता लें