IEEFA India: Distribution the weakest link in India’s power sector
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Need for further reform including introducing competition
नई दिल्ली, 20 मार्च 2020 : ऊर्जा अर्थशास्त्र और वित्तीय विश्लेषण संस्थान (The Institute for Energy Economics and Financial Analysis (IEEFA) के एक नए नोट में कहा गया है कि प्रतिस्पर्धा की कमी के कारण डिस्कॉम का अनिश्चित वित्तीय स्वास्थ्य भारत के बिजली वितरण और उत्पादन क्षेत्रों को कमजोर कर रहा है और नया नवीकरणीय ऊर्जा निवेश बहुत जरूरी है।
इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (IEEFA) द्वारा प्रकाशित, यह नोट भारत के बिजली क्षेत्र में आवश्यक सुधारों को उजागर करने वाली श्रृंखला में तीसरा नोट है, जिससे वर्ष 2030 देश को 450 गीगावाट (GW) द्वारा अपने महत्वाकांक्षी और बहुत आवश्यक नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य तक पहुंचने में सक्षम बनाया जा सके।
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यह नोट भारत के विद्युत वितरण क्षेत्र में और सुधार की आवश्यकता पर जोर देता है और पाता है कि बिजली वितरण क्षेत्र भारतीय बिजली क्षेत्र की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला की सबसे कमजोर कड़ी है।
नोट की लेखक, IEEFA ऊर्जा विश्लेषक विभूति गर्ग का कहना है कि राज्य के स्वामित्व वाली डिस्कॉम को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है जो एक समस्या है क्योंकि वे भारतीय घरों और व्यवसायों को गुणवत्ता और विश्वसनीय शक्ति के वितरण को नियंत्रित करते हैं, जो भारत में निरंतर आर्थिक विकास के लिए एक जरूरी आवश्यकता है।
गर्ग कहती हैं, "UDAY जैसे डिस्कॉम सुधार शुरू में उत्साहजनक थे, लेकिन पिछले दो वर्षों में टैरिफ गैप और नुकसानों में कमी आई है।"
गर्ग कहती हैं कि क्रिप्टो डिफाल्टर सेक्टर को लाभकारी बनाए जाने, क्रॉस-सब्सिडी को कम करने की जरूरत है, और सरकार की सब्सिडी गरीबों के लिए बेहतर लक्षित होनी चाहिए ।