
If You’re Celebrating the Taliban’s Victory in Afghanistan Then You Have a Problem
अगर आप अफगानिस्तान में तालिबान के आने से खुश हैं और उनकी जीत पर जश्न मना रहे हैं तब आपके साथ समस्या है।
हिंदुस्तान में आपको अपनी धार्मिक मान्यताओं के साथ रहने की और उन्हें मानने की पूरी आजादी है। तालिबान गैर मुस्लिमों को यह आजादी नहीं देता।
यहां स्त्री पुरुष का भेद किये बिना शिक्षा, स्वास्थ्य, सम्मान मिलता है। तालिबान महिलाओं के बारे में रूढ़िवादी कानून लागू करता है।
मध्ययुगीन अमानवीय व बर्बर नियमों से समाज को नियंत्रित करने का तालिबान समर्थक है।
यदि आप भी तालिबान के समर्थक हैं तो इन सब बातों का भी समर्थन करते हैं।
तब फिर आप दूसरे कट्टरपंथियों को एक बाजिव वजह देते हैं कि वे आपके खिलाफ इतनी ही कट्टरता से खड़े हों।
अगर दूसरों की कट्टरता आपको अच्छी नहीं लगती तो अपनी कट्टरता से भी आपको दूरी बनानी होगी नहीं तो आपको विरोध करने का हक नहीं है।
यदि आप ऐसा नहीं कर सकते तो मेहरबानी कीजिये अफगानिस्तान चले जाईये और अपनी चहेती व्यवस्था में आनंद लीजिये फिर आपका हिंदुस्तान के लिबरल और सहिष्णु समाज में कोई स्थान नहीं है।
~पीयूष रंजन यादव
लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।
(Afghan refugees, photo tweeted by Dr. Ramiz Alakbarov UN Secretary General’s Deputy Special Representative for Afghanistan)
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