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सेनाध्यक्ष ने भी राहुल की चेतावनी की पुष्टि की!

सेनाध्यक्ष ने भी राहुल की चेतावनी की पुष्टि की!

Arun Maheshwari - अरुण माहेश्वरी, लेखक सुप्रसिद्ध मार्क्सवादी आलोचक, सामाजिक-आर्थिक विषयों के टिप्पणीकार एवं पत्रकार हैं। छात्र जीवन से ही मार्क्सवादी राजनीति और साहित्य-आन्दोलन से जुड़ाव और सी.पी.आई.(एम.) के मुखपत्र ‘स्वाधीनता’ से सम्बद्ध। साहित्यिक पत्रिका ‘कलम’ का सम्पादन। जनवादी लेखक संघ के केन्द्रीय सचिव एवं पश्चिम बंगाल के राज्य सचिव। वह हस्तक्षेप के सम्मानित स्तंभकार हैं।

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भारत के सेनाध्यक्ष ने भी राहुल गांधी की चेतावनी की पुष्टि की

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Indian Army Chief also confirmed Rahul Gandhi's warning

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एस जयशंकर और किरण रिजीजू के बयानों (Statements of S Jaishankar and Kiran Rijiju) से मोदी सरकार की मूर्खताओं का सच ही और भी खुल कर सामने आया है

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“हम अभी ही आने वाली लड़ाइयों के ट्रेलर देख पा रहे हैं। वे हर रोज़ सूचना के मोर्चे पर, नेटवर्क और साइबर स्पेस में लड़ी जा रही है। वे हमारी अनिश्चित और झड़पों वाली सीमाओं पर लड़ी जा रही है। …इन ट्रेलर के आधार पर कल के लड़ाई के मैदान की सूरत को देखना हम पर निर्भर करता है। चारों ओर नज़र डालने पर ही देखेंगे कि विगत दिनों की विज्ञान कथाएँ आज का यथार्थ है। …हमारे विरोधी भले खुला युद्ध न करें, पर राजनीतिक, सामरिक और आर्थिक क्षेत्रों के अपरिभाषित दायरों में अपने रणनीतिक लक्ष्यों को साधने की कोशिश जारी रखेंगे और आपस में मिल कर करेंगे।”

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भारत के सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे (Indian Army Chief MM Naravane) ने कल ही ये बातें कहीं, जबकि एक दिन पहले राहुल गांधी ने जब संसद में इनका ज़िक्र किया तो भारत के विदेश मंत्री (foreign minister of india) से लेकर पूरी मोदी सरकार उनकी आलोचना करते हुए थक नहीं रही है।

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क्या सेनाध्यक्ष ने भी सरकार को चेतावनी दी है?

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मोदी सरकार राहुल का इस बात के लिए मज़ाक़ उड़ा रही थी कि हमारे विरोधी चीन और पाकिस्तान, दोनों मिल कर हमारे ख़िलाफ़ लगे हुए हैं। पर एक दिन बाद ही भारत के सेनाध्यक्ष ने भी एक प्रकार से राहुल की चेतावनी की ही ताईद करते हुए साफ़ कहा है कि — यह हम पर है कि हम इन झांकियों से आने वाली लड़ाइयों का सही अनुमान कर पाते हैं या नहीं। इस प्रकार खुद सेनाध्यक्ष ने भी सरकार को एक चेतावनी ही दी है।

संसद में राहुल गांधी ने क्या कहा था?

राहुल गांधी ने संसद में कहा था कि नरेंद्र मोदी की भारी रणनीतिक भूलों के कारण चीन और पाकिस्तान आपस में मिल गए हैं। नरवणे का इशारा भी इन दोनों के बीच की साँठगाँठ की ओर ही है। पर भारत का विदेश मंत्री इस बात को हल्के में, यह कह कर कि ऐसा कब नहीं था, उड़ा दे रहे हैं। इसी से प्रतिरक्षा और कूटनीति के मामले में मोदी सरकार कितनी अगंभीर है, इसका पता चल जाता है।

ज़ाहिर है कि सुरक्षा चुनौतियों के प्रति मोदी सरकार के इस अंधेपन को ही किसी न किसी रूप में भाँप कर सेनाध्यक्ष ने कहा है कि यह हम पर निर्भर है कि हम अभी की झांकियों से कितना भविष्य के युद्धों के ख़तरे को देख पा रहे हैं या नहीं !

राहुल गांधी के एक गंभीर वक्तव्य पर विदेश मंत्री जयशंकर सिंह और क़ानून मंत्री किरण रिजीजू के बयानों से मोदी सरकार की मूर्खताओं का सच ही और भी खुल कर सामने आया है।

अरुण माहेश्वरी

(अरुण माहेश्वरी की एफबी टिप्पणी का संपादित रूप साभार)

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