Indian Meteorological Department is ready for the cyclonic weather of October-December 2020
नई दिल्ली,08 अक्तूबर 2020: भारत की तटीय सीमा (India’s coastal border) लगभग सात हजार पांच सौ सोलह किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैली है। इसमें से लगभग चौवन सौ किलोमीटर की सीमा मुख्य भूमि से लगी है। सम्पूर्ण तटीय क्षेत्र पर चक्रवात की चपेट में आने का खतरा मंडराता रहता है।
चक्रवातों के दुष्प्रभाव
चक्रवात अपने संग भयानक गति वाली हवाएं और अत्यधिक वर्षा लेकर आते हैं, जिनसे कई बार जन-धन की बड़े पैमाने पर हानि होती है। ऐसे में, भारत के लिए मौसम का पूर्वानुमान (Weather forecast) सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।
उत्तर हिन्द महासागर में उत्पन्न होने वाले चक्रवातों की सक्रियता अप्रैल से जून और पुनः अक्टूबर से दिसंबर तक की अवधि में अपने चरम पर होती है। यही कारण है कि अपनी दैनिक गतिविधियों के अतिरिक्त भारतीय मौसम– विज्ञान विभाग (आई एम डी ) प्रत्येक वर्ष अप्रैल से जून और अक्टूबर से दिसंबर के महीनों में मौसम पूर्वानुमान, और उसके आकलन-विश्लेषण से जुड़ी विशेष तैयारियाँ करता है। इनमें उत्तर हिन्द महासागर में चक्रवात के बनने, उसको चिन्हित करने, उसकी दिशा और तीव्रता के आकलन के साथ उसके तट से टकराने से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी का विश्लेषण शामिल होता है।
इसी कड़ी में अक्टूबर-दिसंबर 2020 के चक्रवाती मौसम को लेकर भारतीय मौसम-विज्ञान विभाग द्वारा गत 6 अक्टूबर को एक पूर्व-चक्रवात अभ्यास बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में चक्रवात से जुड़ी विभागीय तैयारिओं की समीक्षा, आवश्यकताओं के आकलन, चक्रवाती मौसम (अक्टूबर-दिसंबर ) को लेकर योजना बनाने और विभाग की नयी पहल से साझेदार विभागों को अवगत करने आदि बिंदुओं पर व्यापक चर्चा हुई। इस ऑनलाइन पूर्व-चक्रवात अभ्यास बैठक में चक्रवात से जुडी बारिश और तूफ़ान जैसी आपदाओं के सटीक पूर्वानुमान और विश्लेषण के निमित्त विभाग द्वारा की गयी तैयारिओं पर चर्चा करते हुए भारतीय मौसम-विज्ञान विभाग के महानिदेशक और इस ऑनलाइन बैठक के अध्यक्ष डॉ मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में भारतीय मौसम विभाग ने अपनी मौसम पूर्वानुमान क्षमता में उल्लेखनीय सुधार किया है।
मौसम के सही पूर्वानुमान के साथ साथ मौसम से जुड़ी पूर्व सूचना का लोगों तक त्वरित गति से पहुँचाए जाने पर विशेष बल देते हुए डॉ मोहापात्रा ने सूचित किया कि आसन्न चक्रवाती मौसम में भारतीय मौसम विभाग चक्रवात की वर्त्तमान और अनुमानित स्थिति एवं दिशा तथा उसकी तीव्रता दर्शाने के लिए भौगोलिक सूचना प्लैटफॉर्म्स के जरिये संवादात्मक डिस्प्ले का प्रबंध करेगा।
बैठक में भारतीय मौसम-विज्ञान विभाग के अलावा राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केन्द्र, भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेनां केन्द्रीय जल आयोग, भारतीय राष्ट्रीय महासागर सुचना केन्द्र, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग, आई.आई.टी दिल्ली, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एन डी आर एफ), मत्स्य विभाग एवं भारतीय रेल से जुड़े विशेषज्ञों ने भी भाग लिया। डॉ मोहापात्रा ने विभिन्न विभागों से जुड़े विशेषज्ञों को सम्बोधित करते हुए विभाग द्वारा लांच किये गए अनेक उपयोगी मोबाइल ऐप के विषय में भी बताया। इनमें आकाशीय बिजली के पूर्वानुमान के लिए ऐप (App for celestial lightning forecast) ‘दामिनी’, मौसम पूर्वानुमान और चक्रवात की चेतावनी के लिए ऐप (App for weather forecast and cyclone warning) ‘मौसम और उमंग’ तथा कृषि -क्षेत्र को समर्पित ‘मेघदूत’ ऐप शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त भारतीय मौसम-विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय केन्द्रों के वेबसाइट्स पर उपलब्ध निःशुल्क निबंधन की सुविधा पर भी बैठक में चर्चा हुई जिसके द्वारा कोई भी व्यक्ति चक्रवात से जुड़ी चेतावनी (Cyclone warning) सीधे प्राप्त कर सकता है।
डॉ मृत्युंजय महापात्र ने इस दिशा में पूर्व के अनुभवों से सीखने एवं गलतियों न दुहराने पर विशेष बल देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि एक त्रुटिहीन एवं प्रभावी आपदा पूर्वानुमान और प्रबंधन तंत्र के विकास तथा विभिन्न विभागों की सक्रिय भागीदारी द्वारा जन-धन की हानि बचायी जा सकती है।
बैठक में शामिल विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों ने भारतीय मौसम-विज्ञान विभाग की पूर्व-चक्रवात तैयारियों की प्रशंसा करते हुए कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के बारे में जानकारी | Information about Indian Meteorological Department
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आई.एम.डी ) भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत मौसम विज्ञान प्रेक्षण, मौसम पूर्वानुमान और भूकम्प विज्ञान का कार्यभार सँभालने वाली सर्वप्रमुख एजेंसी है। देश भर में फैले अपने सैकड़ों प्रेक्षण केंद्रों और उच्च कोटि की तकनीक के प्रयोग से यह विभाग मौसम का पूर्वानुमान लगाने के अतिरिक्त तूफ़ान के आकलन,नामकरण और उनसे जुड़ी चेतावनी जारी करने का दायित्त्व निभाता है। (इंडिया साइंस वायर)
हमें गूगल न्यूज पर फॉलो करें. ट्विटर पर फॉलो करें. वाट्सएप पर संदेश पाएं. हस्तक्षेप की आर्थिक मदद करें