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India's international science film festival started in virtual form
नई दिल्ली, 22 दिसंबर: कोविड-19 के प्रकोप के कारण बड़े आयोजन भी अब वर्चुअल रूप में आयोजित हो रहे हैं। विज्ञान को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से हर साल आयोजित होने वाला इंटरनेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया- International Science Film Festival of India (आईएसएफएफआई)-2020 भी इस बार वर्चुअल मंच पर आयोजित किया जा रहा है।
इस मेगा साइंस फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन मंगलवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने ऑनलाइन रूप से किया है।
भारत का अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव के बारे में जानिए
आईएसएफएफआई, इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल- India International Science Festival (आईआईएसएफ) का एक प्रमुख घटक है, जिसका उद्घाटन 22 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। इस बार आईआईएसएफ के छठवें संस्करण के हिस्से के रूप में इंटरनेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएसएफएफआई) समानांतर रूप से 22 से 25 दिसंबर 2020 तक चलेगा।
आईआईएसएफ का आयोजन हर वर्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) तथा विज्ञान भारती द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। इस बार विज्ञान महोत्सव का समन्वय सीएसआईआर कर रहा है और आयोजन के लिए नोडल संस्था, नई दिल्ली स्थित सीएसआईआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी ऐंड डेवलपमेंट स्टडीज (निस्टैड्स) है। वहीं, आईआईएसएफ के अभिन्न अंग - इंटरनेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएसएफएफआई)-2020 का समन्वयन डीएसटी की स्वायत्त संस्था विज्ञान प्रसार द्वारा किया जा रहा है।
इंटरनेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएसएफएफआई)-2020 का उद्घाटन करते हुए डॉ हर्ष वर्धन ने कहा है कि
“भारत प्रतिभाशाली फिल्मकारों और विज्ञान के प्रति रुचि रखने वाले उत्साही लोगों का घर है। आईएसएफएफआई के जरिये हम ऐसे सभी लोगों को विज्ञान लोकप्रियकरण और वैज्ञानिक चेतना के प्रसार के कार्य से जोड़ना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा है कि आईआईएसएफ-2020 की सार्थकता तभी होगी, जब हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को समझा सकें कि वो इस आयोजन में आभासी रूप से शामिल हो सकते हैं और विज्ञान को करीब से समझ सकते हैं। डॉ हर्ष वर्धन ने कहा है कि अगर हम ऐसा कर पाए तो यह आयोजन अपने आप में ऐतिहासिक होगा।
विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ नकुल पाराशर ने बताया कि
“इस फिल्म फेस्टिवल का लगातार विस्तार हो रहा है। इस बार हमें 60 देशों की 623 फिल्म प्रविष्टियां मिली हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।”
आईएसएफएफआई के मुख्य संयोजक और विज्ञान प्रसार के वरिष्ठ वैज्ञानिक निमिष कपूर ने बताया कि
“इस बार दुनियाभर से मिली फिल्म प्रविष्टियों में से 32 देशों की 209 फिल्मों को आयोजन में शामिल किया गया है। इन फिल्मों में विज्ञान वृत्तचित्र, लघु फिल्में और एनिमेशन वीडियो शामिल हैं।”
निमिष कपूर ने बताया कि भारत के अलावा, स्विट्जरलैंड, इज़राइल, चिली, फ्रांस, बेल्जियम, आस्ट्रिया, अफगानिस्तान, ईरान, चीन, स्पेन, तुर्की, नीदरलैंड, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, ताइवान जैसे विभिन्न देशों की फिल्में इस आयोजन में शामिल की जा रही हैं।
विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री जयंत सहस्रबुद्धे ने इस अवसर पर कहा कि “विज्ञान को आम लोगों तक ले जाने की एक बहुत बड़ी परिकल्पना की गई थी, जो विज्ञान फिल्मों के माध्यम से आज साकार हो रही है। विज्ञान की जानकारी तो लोगों तक पहुँचाई जा सकती है, पर उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा करना फिल्मों के जरिये बेहतर ढंग से संभव हो सकता है।”
इस अवसर पर मशहूर फिल्ममेकर, पर्यावरणविद् और इंटरनेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएसएफएफआई)-2020 के निर्णायक मंडल प्रमुख माइक पांडेय, दूरदर्शन की पूर्व एडीजी - ऊषा भसीन, फिल्म्स डिविजन के पूर्व एडीजी - डॉ मुकेश शर्मा और विशेष रूप से आमंत्रित लंदन की पब्लिक हेल्थ फिल्म सोसायटी के अध्यक्ष डॉ उई होआंग ने विज्ञान फिल्मों से जुड़े विविध आयामों को रेखांकित किया।
इस वर्ष आईआईएसएफ की विषयवस्तु - “आत्मनिर्भर भारत एवं विश्व कल्याण के लिए विज्ञान” है। इसी को ध्यान में रखते हुए आईएसएफएफआई -2020 के अंतर्गत आयोजित प्रतियोगिता के विषयों का निर्धारण किया गया है। आईएसएफएफआई के अंतर्गत प्रतियोगी और गैर-प्रतियोगी श्रेणियों में फिल्म प्रविष्टियां आमंत्रित की गई थीं।
इस साइंस फिल्म फेस्टिवल में आमंत्रित प्रविष्टियों को विभिन्न विषयों और उप-विषयों में विभाजित किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में "आत्मनिर्भर भारत के लिए विज्ञान और/ या वैश्विक कल्याण के लिए विज्ञान" तथा "विज्ञान और कोविड-19 एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों के बारे में जागरूकता" संबंधी विषयों पर प्रविष्टियां आमंत्रित की गई थीं। इस श्रेणी के तहत समारोह के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार स्वरूप एक ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है। इसी श्रेणी में, ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र के रूप में दो जूरी पुरस्कार भी प्रदान किए जाते हैं।
स्वतंत्र फिल्मकार (भारतीय नागरिक) श्रेणी में भी "आत्मनिर्भर भारत के लिए विज्ञान और/ या वैश्विक कल्याण के लिए विज्ञान" और "विज्ञान और कोविड-19 एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों के बारे में जागरूकता" विषयों पर प्रविष्टियां मंगायी गई थीं। इस श्रेणी में, दोनों विषयों के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार के रूप में 1,00,000 रुपये नकद, ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है। इसके अलावा, इस श्रेणी में दो जूरी पुरस्कार भी दिए जाते हैं, जिसमें 50,000 रुपये नकद, ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है।
इस साइंस फिल्म फेस्टिवल की तीसरी प्रतियोगी श्रेणी कॉलेज/स्कूल के छात्रों (भारतीय नागरिक) के लिए है। इस श्रेणी में भी उपरोक्त दोनों विषयों के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार के रूप में 75,000 रुपये नकद, ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है। जबकि, जूरी पुरस्कार के रूप में 35,000 रुपये नकद, ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है। इसी के साथ-साथ, इस आयोजन में गैर– प्रतियोगी श्रेणी के अंतर्गत फिल्में सिर्फ प्रदर्शन के लिए आमंत्रित की गई हैं। गैर-प्रतियोगी श्रेणी की फिल्मों के विषयों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पर्यावरण एवं स्वास्थ्य इत्यादि शामिल हैं। फिल्म फेस्टिवल की गैर-प्रतियोगी श्रेणी में भारत सहित 23 देशों से 75 प्रविष्टियां मिली हैं।
विज्ञान फिल्मों की संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से फिल्म फेस्टिवल के दौरान स्विट्जरलैंड, इज़राइल, नीदरलैंड, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, ताइवान समेत अन्य देशों के प्रसिद्ध विज्ञान फिल्मकारों के साथ विभिन्न आयामों पर पैनल चर्चा आयोजित की जा रही है। इसके अंतर्गत, वरिष्ठ विज्ञान फिल्मकारों द्वारा विज्ञान फिल्म निर्माण के रचनात्मक और तकनीकी पहलुओं पर विशेषज्ञ कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। फिल्म फेस्टिवल में शामिल फिल्मों को विज्ञान प्रसार के यूट्यूब चैनल और आईआईएसएफ के यूट्यूब चैनल पर 22 दिसंबर से 25 दिसंबर 2020 तक प्रदर्शित किया जाएगा। इस आयोजन के बारे में विस्तृत जानकारी आईआईएसएफ की वेबसाइट पर मिल सकती है। (इंडिया साइंस वायर)