Intellectuals were cooking sticks for Kejriwal, Will you even question now
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नई दिल्ली, 24 फरवरी 2020. देश की राजधानी दिल्ली में कल से जाफराबाद इलाके में लगातार हिंसा की खबरें आ रही हैं, पर जो बुद्धिजीवी चुनाव से पहले अरविन्द केजरीवाल के लिए लाठी भांज रहे थे, वह अब मौन हैं। बुद्धिजीवियों की भूमिका पर सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) ने सवाल उठाए हैं।
पार्टी के प्रमुख महासचिव श्याम गंभीर ने कहा कि दिल्ली सरकार यह कहकर लगातार बच रही है कि हम क्या कर सकते हैं पुलिस तो केंद्र सरकार के हाथ में हैं। क्या बुद्धिजीवी केजरीवाल से कुछ सवाल करेंगे। उन्होंने कहा कि “मैं बुद्धिजीवियों से इसलिए कह रहा हूँ कि बुद्धिजीवी अरोक्ष -परोक्ष रूप से लगातार केजरिवाल का समर्थन करते रहते हैं।”
श्याम गंभीर ने बुद्धिजीवियों से जो सवाल पूछे हैं, इस प्रकार हैं -
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केजरिवाल सरकार CAA, NRC, NPR के समर्थन में केंद्र सरकार के साथ हैं या दिल्ली में CAA, NRC, NPR के खिलाफ चल रहे आंदोलन के साथ ?
यदि आप आंदोलन के साथ या खिलाफ हैं तो खुलकर बोलते क्यों नहीं ?
यदि आप आंदोलन के साथ हैं तो आंदोलन कर रहे लोगों के समर्थन में सड़क पर क्यों नहीं उतरते ? जबकि आप सड़क से लड़ाई लड़कर ही दिल्ली के मुख्यमंत्री बने हैं।
आप बार-बार लॉ एण्ड ऑर्डर का बहाना बनाकर साबित क्या करना चाहते हैं ?
भाजपा के लोगों द्वारा लगातार भड़काऊ बयान बाजी पर भी आप चुप क्यों हैं ?
आरक्षण के आप समर्थन में हैं या खिलाफ ?
देश भर में आरक्षण के समर्थन में चल रहे आंदोलन पर आपकी क्या राय हैं ?
दिल्ली विश्वविद्यालय में दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले कॉलेज में अब तक पर्मामेंट appoinment क्यों नहीं हुआ ?
सवाल बहुत हैं लेकिन क्या जो सवाल यहाँ दिया गया हैं वो सवाल बुद्धिजीवी केजरिवाल से करेंगे ?