IPF supports youth movement on the employment question
Employment becomes fundamental right - Darapuri
लखनऊ 5 सितंबर 2020, पूरे देश में रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने, चौबीस लाख रिक्त पदों पर भर्ती करने, पारदर्शी व समयबद्ध चयन प्रक्रिया को लागू करने, मनरेगा में साल भर काम और शहरी क्षेत्र के लिए भी रोजगार गारंटी कानून, संविदा श्रमिकों, स्कीम वर्कर और आउटसोर्सिंग मजदूरों को पक्की नौकरी व सम्मानजनक वेतन, कृषि, छोटे मझोले उद्योग और सार्वजनिक उद्योगों की मजबूती, शिक्षा व स्वास्थ्य का अधिकार और लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष मूल्यों वाली शिक्षा नीति जैसे सवालों को लेकर युवा मंच, युवा हल्ला बोल समेत तमाम छात्र नौजवान संगठनों द्वारा आज रोजगार के सवाल पर आयोजित प्रदर्शन का ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व आईजी एस. आर. दारापुरी ने समर्थन किया है.
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उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा की वित्तीय पूंजी को लाभ पहुंचाने के लिए लागू की जा रही आर्थिक नीतियों की वजह से पूरे देश की संप्रभु अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. हमारी जीडीपी आजादी के बाद पहली बार नकारात्मक दर्ज हुई है. रोजगार लगातार समाप्त हो रहा है. देश के सार्वजनिक क्षेत्रों और प्राकृतिक संपदा की बिक्री ने अर्थव्यवस्था के संकट को और गहरा ही किया है. अमेरिका गठबंधन की पैरोकारी ने निवेश को बाधित किया है. कुल मिलाकर देश जबरदस्त आर्थिक संकट में है. ऐसी परिस्थिति में रोजगार और आजीविका का सवाल राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में आ गया है. उन्होंने कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष से अपील की कि आने वाले मानसून सत्र में रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने के लिए उन्हें आवाज उठानी चाहिए और संसद में यदि आवश्यकता हो तो बिल भी लाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि आइपीएफ रोजगार का अधिकार मांग रहे नौजवानों के साथ है और हर स्तर पर रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने के लिए वह छात्र युवा आंदोलन की मदद करेगा.