Justice Katju said that the idea of "Satyahindi.com" is limited only to the Modi opposition.
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एक हिंदी वेबसाइट है सत्यहिंदी.कॉम जो लगातार मोदी और बीजेपी की निंदा कर रहा है।
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मैं कोई बीजेपी या मोदी का समर्थक नहीं हूँ, मगर मैं इस वेबसाइट के संस्थापकों और चालकों से एक सवाल पूछना चाहता हूँ। यदि मोदी और बीजेपी अगले चुनाव में हार गए तो कौन उनकी जगह देश की बागडोर और सत्ता संभालेगा ?
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कांग्रेस पार्टी ? वह तो माँ बेटे के अलावा कुछ नहीं है। और इस माँ बेटे की जोड़ी ने देश को खूब लूटा। विपक्षी पार्टियों की साझा सरकार ? मगर ऐसी सरकार बनने पर ( या उससे भी पहले ) यह झगड़ा शुरू हो जाएगा कि धनदायक मंत्रालय किस पार्टी को मिलेंगे, विशेषकर वित्त, वाणिज्य, और उद्योग मंत्रालयI यानी कि इस बात पर झगड़े होंगे कि कौन लूट का बड़ा भागीदार होगाI सरकार बनने के बाद भी यही झगड़े होते चलेंगेI
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१९७७ में आपातकाल ख़त्म होने के बाद जनता पार्टी केंद्र में सत्ता में आयी। यह वास्तव में कई पार्टियों की मिली जुली साझा सरकार थी। शीघ्र ही इस सरकार में आपसी झगड़े शुरू हो गए और अंततोगत्वा इसका १९८० में पतन हो गया।
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यही हश्र होगा अगर फिर से साझा सरकार बनेगी। पर इस विषय पर सत्यहिंदी.कॉम के चालक कभी विचार विमर्श नहीं करते और केवल मोदी और बीजेपी की भरसक आलोचना करने में मगन रहते हैं।
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ज़ाहिर है कि सत्यहिंदी.कॉम के संस्थापकों और चालकों के पास केवल नकारात्मक सोच है, सकारात्मक नहीं। मैं नहीं मानता कि मोदीजी या बीजेपी देश की विराट और भीषण समस्याओं का समाधान निकाल सकेंगे। परन्तु विकल्प क्या है ? इसपर सत्यहिंदी.कॉम के चालक गहराई से विचार नहीं करते। क्या मौजूदा संवैधानिक व्यवस्था के अंतर्गत इन समस्याओं का समाधान है भी ? अगर नहीं, तो क्या विकल्प है ?
इसपर सत्यहिंदी.कॉम के तथाकथित बुद्धजीवी कभी विचार नहीं करते और शायद न किसी को अपने वेबसाइट पर करने देंगे।इनकी मोटी बुद्धि यहीं तक सीमित है।
जस्टिस मार्कंडेय काटजू
लेखक प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन व भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश है।