Justice Katju suspects middlemen and big farmers, are financing and supporting the farmers' agitation
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नई दिल्ली, 30 नवंबर। भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मार्कंडेय काटजू को संदेह है कि बिचौलिए और बड़े किसान, किसान आंदोलन का वित्तपोषण और समर्थन कर रहे हैं।
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जस्टिस काटजू ने अपने सत्यापित फेसबुक पेज पर एक पोस्ट लिखी, जिसमें एक पुरानी खबर का लिंक था।
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पोस्ट का पूरा भावानुवाद इस प्रकार है –
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“मुझे बिचौलियों और बड़े किसानों (मुख्य रूप से पंजाब के ) पर संदेह है, कि वे किसानों के आंदोलन का वित्तपोषण और समर्थन कर रहे हैं।
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माना जाता है कि पंजाब में बिचौलिए सालाना लगभग 3000 करोड़ रुपये कमाते हैं, जबकि वास्तविक किसानों को बहुत कम रकम मिलती है। नए कानून इन बिचौलियों को उनकी लूट से वंचित करेंगे, जिसके लिए वे व्यथित हैं।
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जहां तक बड़े किसानों का संबंध है, मंडियों में उनकी 'सेटिंग' है, जिससे उन्हें डर है कि वे बाधित होंगे।
बिहार, एमपी, पूर्वी और मध्य यूपी आदि के किसान ज्यादातर छोटे और मध्यम किसान हैं, इसलिए उन्हें इस आंदोलन में शामिल होने का कोई कारण नहीं दिखता है।