/hastakshep-prod/media/post_banners/D0i0H30gQVp3XJaXfWMD.jpg)
भारतीय मीडिया का मानसिक स्तर
हमारी मीडिया का मानसिक स्तर कितना नीचा है वह इस वीडियो से मालूम हो जाता हैI
हर राजनैतिक व्यवस्था या राजनैतिक कार्य का एक ही परख और कसौटी है : क्या उससे आम लोगों का जीवन स्तर बढ़ रहा है कि नहीं ? क्या उससे लोगों को बेहतर ज़िन्दगी मिल रही है कि नहीं ? क्या उससे लोगों को ग़रीबी, बेरोज़गारी, कुपोषण, स्वास्थ लाभ और अच्छी शिक्षा के अभाव से निजात मिल रहा है कि नहीं ?
इस नज़रिये से देखा जाए तो स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी रहे या बिखर जाए, का कोई महत्त्व नहीं है, क्योंकि वह रहे या बिखर जाए इससे आम आदमी के जीवन पर कोई असर नहीं पड़ेगाI
इसलिए ऐसे सवाल पूछना ही मूर्खता और फ़िज़ूल हैI
महत्वपूर्ण सवाल सिर्फ एक ही है कि हम कैसे ऐसी राजनैतिक और सामाजिक व्यवस्था का निर्माण कर सकते हैं जिसके अंतर्गत हमारी जनता का जीवन स्तर तेज़ी से बढ़े और लोगों को खुशहाल जीवन मिले ?
एक अन्य वीडियो का अवलोकन करें
सुशांत सिंह राजपूत ने आत्म हत्या की या उसका क़त्ल हुआ इस सब से आम आदमी के जीवन का क्या सरोकार ? पर हमारी महान मीडिया इस विषय को रात दिन चलाती हैI
हमारी मीडिया आजकल बड़े अटकले लगा रही है कि फरवरी २०२२ के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में बीजेपी का क्या हाल होगा ? पर इसका क्या महत्त्व ? बीजेपी जीते या हारे, आम आदमी का जीवन स्तर वैसा का वैसा बना रहेगा, चाहे सपा बसपा या कांग्रेस, या उनकी साझा सरकार, सत्ता में आयेI यानी ग़ुरबत बेरोज़गारी, कुपोषण आदि में कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा
अब यह वीडियो देखियेI इसका शीर्षक है क्या प्रियंका की सक्रियता से खड़ी होगी कांग्रेसI
यह सवाल ही पूछने वाले की मूर्खता और निम्न समझ दर्शाता हैI
कांग्रेस का उत्तर प्रदेश में वोट बैंक था दलित + उच्च जाति + मुस्लिमI इनमें से दलित चले गए बसपा में, उच्च जाति चले गए भाजपा में, और मुस्लिम चले गए सपा मेंI यानी कांग्रेस के वोट बैंक का तो सफाया हो गयाI
इसके अलावा, यदि कांग्रेस सत्ता में आ भी जाए ( जिसकी संभावना नगण्य है ) तो भी आम आदमी के जीवन पर क्या फ़र्क़ पड़ेगा ? क्या ग़रीबी, बेरोज़गारी, कुपोषण आदि ख़त्म या कम हो जाएगा ? बिलकुल नहींI कहा जाता है कि कांग्रेस शासनकाल में तो भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर था, सोनिया गाँधी अरबों रुपये विदेश ले गयीं, और प्रियंका गांधी के पति रोबर्ट वढेरा ने खूब लूट मचाईI तो फिर प्रियंका क्या उखाड़ेंगी ?
अब यह वीडियो देखियेI इससे जनता के जीवन या जनता की समस्याओं से कोई सरोकार दिखाई देता है ?
अब इस परमज्ञानी की आकाश वाणी सुनिएI यह महानुभाव ने राहुल गाँधी जैसे महत्वहीन व्यक्ति के बारे में क्या कहा आप ही समझिये
या इन महाशय को सुनिए जो गोदी मीडिया के एक टीवी चैनल में कई वर्ष बड़ी पद पर थे, पर अब 'स्वतंत्र' हो गए हैं
वास्तव में हमारी अधिकाँश मीडिया का जनता की समस्याओं में कोई रूचि नहीं हैI लोग ग़रीब रहें, बेरोज़गार और भूखे रहें, इस सब से उनका कोई सरोकार नहींI उनकी रूचि है टी आर पी ( TRP ) बढ़ाना, फॉलोवर्स बढ़ाना और माल कमाना, जनता जिए या मरेI
जस्टिस मार्कंडेय काटजू
लेखक प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन और सर्वोच्च न्यायालय के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश हैं।