Justice Katju’s response to Modi’s clean chit from Nanavati Commission in Gujarat riots
नई दिल्ली, 12 दिसंबर 2019. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2002 के गुजरात दंगों पर नानावटी आयोग से क्लीन चिट की खबरों पर उच्चतम न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश जस्टिस मार्कंडेय काटजू ((Justice Markandey Katju, retired Supreme Court judge)) ने सख्त टिप्पणी की है।
जस्टिस काटजू ने अपने सत्यापित ट्विटर हैंडल (Justice Katju’s verified Twitter handle) पर लिखा,
“जो लोग भारतीय न्यायपालिका में विश्वास रखते हैं, उन्हें न्यायमूर्ति नानावटी जैसे लोगों के प्रदर्शन को देखने के बाद फिर से सोचना चाहिए। जैसा कि फ़ैज़ ने कहा, “बने हैं अहल-ए-हवस मुद्दई भी मुंसिफ भी, किसे वकील करें, किससे मुंसिफी चाहें.”
The Nanavati Commission set up to investigate the 2002 Gujarat riots has given a clean chit to Prime Minister Narendra Modi.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों की जाँच के लिए गठित नानावती आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी है।
उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। रिपोर्ट में मोदी के अलावा उस समय के उनके मंत्रियों को भी क्लीन चिट दी गई है। बुधवार को गुजरात विधानसभा में नानावती आयोग की रिपोर्ट पेश की गई। पाँच साल पहले ये रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी गई थी. लेकिन ये रिपोर्ट अब विधानसभा में रखी गई है।
कौन हैं मार्कंडेय काटजू?
अपने ऐतिहासिक फैसलों के लिए प्रसिद्ध रहे जस्टिस मार्कंडेय काटजू 2011 में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए उसके बाद वह प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन रहे। आजकल वह अमेरिका प्रवास पर कैलीफोर्निया में समय व्यतीत कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय हैं और भारत की समस्याओं पर खुलकर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं।
People who have faith in the Indian judiciary shud think again after seeing the performance of people like Justice Nanavati. As Faiz said “ Bane hain ahal-e-hawas muddai bhi munsif bhi, kise vakeel karein, kisse munsifi chaahen ? “
— Markandey Katju (@mkatju) December 12, 2019
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=KsTGiBEMQXQ&w=704&h=396]
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