भले ही बांग्लादेशी मुसलमानों ने अवैध रूप से प्रवेश किया हो वे भी अनुच्छेद 14 के लाभ के हकदार हैं
नई दिल्ली, 12 दिसंबर 2019. नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 लोकसभा और राज्यसभा में पारित हो गया है (Citizenship Amendment Bill 2019 passed in Lok Sabha & Rajya Sabha)। गृह मंत्री अमित शाह ने अपने शाखा ज्ञान का संसद के दोनों सदनों में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के एक अवकाशप्राप्त न्यायाधीश ने सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश के आलोक में सरकार को संविधान का पाठ पढ़ाते हुए लताड़ा है।
उच्चतम न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश जस्टिस मार्कंडेय काटजू ((Justice Markandey Katju, retired Supreme Court judge)) ने सख्त टिप्पणी की है।
जस्टिस काटजू ने अपने सत्यापित ट्विटर हैंडल (Justice Katju’s verified Twitter handle) पर लिखा,
“राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग बनाम अरुणाचल प्रदेश राज्य में, सर्वोच्च न्यायालय ने भी गैर नागरिकों को अनुच्छेद 21 के लाभ का हकदार माना है। वे भी अनुच्छेद 14 के लाभ के हकदार हैं। भले ही बांग्लादेशी मुसलमानों ने अवैध रूप से असम में प्रवेश किया हो, वे पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं। वे कहां जा सकते हैं?”
Justice Markandey katju slams modi government over citizenship amendment bill
जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने एक अन्य ट्वीट में कहा
‘असम भी कश्मीर की तरह जल रहा है। देश में आग लगी है और ये आधुनिक ‘नीरो’ बेखबर हैं। हनुमान जी ने तो सिर्फ लंका जलाई थी, लेकिन ये आधुनिक हनुमान जी तो पूरे भारत में आग लगा देंगे’।
कौन हैं मार्कंडेय काटजू?
अपने ऐतिहासिक फैसलों के लिए प्रसिद्ध रहे जस्टिस मार्कंडेय काटजू 2011 में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए उसके बाद वह प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन रहे। आजकल वह अमेरिका प्रवास पर कैलीफोर्निया में समय व्यतीत कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय हैं और भारत की समस्याओं पर खुलकर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं।
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