लखनऊ, 21 मार्च। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने कहा है कि योगी सरकार के चार साल की उपलब्धियों का ढिंढोरा पिटने वाली योगी सरकार में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हुए हैं कि वे अदालत में गवाहों को धमकाने लगे हैं।
रविवार को जारी बयान में भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि हाथरस गैंगरेप में सीबीआई जांच में अभियुक्तों की संलिप्तता की पुष्टि पहले ही हो चुकी है। मामले की हाथरस के विशेष अदालत में चल रही सुनवाई के दौरान दबंग आरोपी पक्ष के लोगों द्वारा न्यायालय में घुस कर पीड़िता (मृतका) के भाई को गवाही देने से रोकने व धमकाने की घटना सामने आने के बाद इलाहाबाद हाइकोर्ट द्वारा हाथरस के जिला जज से इसकी जांच कराने व पीड़ित परिवार की समुचित सुरक्षा करने का सीआरपीएफ व सरकार को आदेश देना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि पहले भी योगी सरकार हाथरस कांड में न्याय न होने देने और अभियुक्तों का बचाव करने के लिए मामले पर लीपापोती करने का प्रयास कर चुकी है। यूपी पुलिस के लखनऊ में बैठे आला अधिकारी तो गैंगरेप व हत्या की घटना को ही नकारकर सरकार की मंशा साफ कर चुके थे। उन्हें बीते दिनों 'उत्कृष्ट सेवा' के लिए राष्ट्रपति का मेडल भी दिलवाया गया। माले नेता ने कहा कि योगी सरकार के अपराधियों को संरक्षण देने वाली भूमिका का प्रदेशव्यापी जनप्रतिवाद न हुआ होता, तो हाथरस कांड की सीबीआई जांच शायद ही हो पाती।
का. सुधाकर ने कहा कि सीबीआई जांच तो हो चुकी, पर न्याय का अब भी इंतजार है। उपरोक्त बातों को देखते हुए बेहतर यही होगा कि मामले की अदालती सुनवाई यूपी से बाहर या दिल्ली में हो, ताकि पीड़ित पक्ष को बाधारहित व जल्द न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि भरी अदालत में धमकाने की उपरोक्त घटना योगी सरकार की कानून व्यवस्था व चार साल की उपलब्धियों पर स्वस्पष्ट टिप्पणी है। आखिर किस मुंह से मुख्यमंत्री योगी कह रहे हैं कि अपराधी जान की भीख मांगकर यूपी छोड़कर चले गए हैं! उक्त घटना मुख्यमंत्री के दावों की पोल खोलती है। यह वाकई शर्मनाक है।