Jyotiraditya Scindia will no longer hit the road but go to Rajya Sabha
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नई दिल्ली 23 फरवरी 2020. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अब सड़क पर नहीं उतरेंगे बल्कि राज्यसभा जाएंगे।
जी हां ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले दिनों कहा था कि यदि मध्य प्रदेश में सरकार पार्टी के घोषणापत्र को पूरा लागू नहीं करती है तो वह सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने दिल्ली चुनाव में पार्टी की हार के बाद सोच बदलने की भी जरूरत बताई थी। इसके बाद सिंधिया और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ में टकराव बढ़ गया था। संवाददाताओं के सिंधिया के सड़क पर उतरने के बयान पर कमलनाथ भड़क गए थे और उन्होंने गुस्से में जवाब दिया था, ‘तो उतर जाएं’।
इसके बाद दोनों गुटों में संघर्ष के आसार बन गए थे।
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अहम बात यह है कि कमलनाथ और ज्योतिरादित्य के पिता स्व. माधवराव सिंधिया, दोनों ही स्व. संजय गांधी के अभिन्न मित्र थे और जब कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो लोगों को लगा था कि मध्य प्रदेश में संजय गांधी की वापसी हुई है। जबकि माधवराव सिंधिया ने अपने परिवार से बगावत करके ताउम्र गांधी परिवार से अपने रिश्ते निभाए।
दुर्भाग्य से ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने परिवार की उस परंपरागत सीट से 2019 में लोकसभा चुनाव हार गए जहां माधवराव सिंधिया ने अटल बिहारी वाजपेयी को बुरी तरह हराया था और जिस सीट पर अब तक हुए उपचुनाव सहित 20 चुनाव में सिंधिया राजघराने के प्रतिनिधियों को 14 बार जीत मिली थी। जबकि कमलनाथ अपनी परंपरागत सीट पर अपने पुत्र को स्थापित करने में सफल रहे।
सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते समय ज्योतिरादित्य को भी राजस्थान में सचिन पायलट की तरह उपमुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव दिया गया था, पर उस समय उन्होंने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था। अब सिंधिया की मजबूरी है कि उन्हें दिल्ली के लुटियन जोन में बंगला चाहिए, इसी के लिए वह कांग्रेस नेतृत्व पर दबाव बना रहे थे।
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सूत्रों का यह भी कहना है कि प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजे जाने की अफवाह जानबूझकर सिंधिया विरोधी खेमे की तरफ से उड़ाई गई थी, जिस पर कांग्रेस आलाकमान नाराज था।
सूत्रों का कहना है कि सिंधिया-कमलनाथ विवाद में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दखल दिया और सीएम कमलनाथ को हिदायत दी कि सिंधिया की चिंता दूर करें, उसके बाद कमलनाथ ने सिंधिया को आश्वासन दिया है कि वे उनके पिता के मित्र हैं और उनका राजनीतिक अहित नहीं होने देंगे।
सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ ने आश्वासन दिया है कि सिंधिया राज्यसभा जाएंगे।
अगर सूत्रों की खबर सही साबित होती है तो आप कुछ ही दिनों में ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्यप्रदेश की सड़कों पर उतरते नहीं नहीं राज्यसभा में उतरते पाएंगे।