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रायपुर, 17 अप्रैल 2020. छत्तीसगढ़ किसान सभा ने राज्य में रबी मौसम के अंतर्गत उत्पादित धान, चना, मूंगफली, मक्का, दलहन-तिलहन, प्याज और आलू सहित सभी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद शीघ्र शुरू करने की मांग की है।
आज यहां जारी एक बयान में छग किसान सभा के राज्य अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है कि रबी मौसम की फसलों की खरीदी की अभी तक घोषणा नहीं हुई है, जबकि केंद्र सरकार ने राज्य में उत्पादित रबी फसलों का 25% लेने की घोषणा की है और मसूर व चना की खरीदी के लिए आवश्यक राशि भी जारी कर दी है।
उन्होंने कहा कि अंधड़ और ओलावृष्टि के बाद प्रदेश की अधिकांश फसल खराब हो गई है और इसके बाद अनियोजित लॉक डाउन ने सब्जी उत्पादक और पशुपालक किसानों सहित सभी किसानों की कमर तोड़ दी है। ऐसे में किसानों की बची-खुची फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनके गांव में ही खरीदने की व्यवस्था सरकार को करना चाहिए, ताकि उसे सोसायटियों और मंडियों में होने वाली और आढ़तियों की लूट से बचाया जा सके।
किसान सभा नेताओं ने कहा है कि खेती-किसानी के काम को मनरेगा के दायरे में लाकर किसानों और कृषि को सुरक्षा दी जा सकती है। यह सुरक्षा ही उसे खरीफ मौसम की खेती के लिए सक्षम बनाएगा। इसके साथ ही किसानों द्वारा लिए गए कर्ज की वसूली और ब्याज पर रोक लगाने की भी जरूरत है। उन्हें अगले सीजन के लिए मुफ्त बीज और अन्य इनपुट्स भी उपलब्ध करवाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश में किसी भी संकट का सामना करने के लिए खाद्यान्न सुरक्षा और आत्मनिर्भता जरूरी है और इसलिए कोरोना जैसे संकट के समय खेती-किसानी को बचाना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
किसान सभा ने कोरोना संकट के कारण खेती-किसानी को हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र और राज्य सरकारों से किसानों को आर्थिक पैकेज दिए जाने की भी मांग की है।