Kisan Sabha will celebrate MSP Rights Day on 14th
रायपुर 10 अक्तूबर 2020. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर छत्तीसगढ़ किसान सभा सहित देश में किसानों और आदिवासियों के 300 से अधिक संगठन 14 अक्टूबर को "न्यूनतम समर्थन मूल्य अधिकार दिवस" मनायेंगे और घोषित समर्थन मूल्य से कम कीमत पर फसल की खरीदी को कानूनन अपराध घोषित करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य सी-2 लागत का डेढ़ गुना घोषित करने का कानून बनाने और इस मूल्य पर अनाज खरीदी करने के लिए केंद्र सरकार के बाध्य होने का कानून बनाने की मांग करेंगे। इन मांगों पर इस दिन पूरे देश में भाजपा सांसदों व विधायकों के घरों/कार्यालयों पर प्रदर्शन/घेराव भी किया जाएगा।
एक बयान में छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा कि यह आह्वान संसद से भाजपा सरकार द्वारा अलोकतांत्रिक तरीके से पारित कराए गए तीन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ चलाये जा रहे देशव्यापी अभियान की एक कड़ी है।
स्वामीनाथन कमीशन के आधार पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price to farmers based on Swaminathan Commission) देने के दावे को लफ्फाजी और जुमलेबाजी करार देते हुए किसान सभा नेताओं ने कहा है कि अपने सात सालों के राज में कभी भी मोदी सरकार ने सी-2 लागत को समर्थन मूल्य का आधार नहीं बनाया है, जिसकी सिफारिश स्वामीनाथन आयोग ने की है। आज तक जो समर्थन मूल्य घोषित किये गए हैं, वह लागत तो दूर, महंगाई में हुई वृद्धि की भी भरपाई नहीं करते।
किसान सभा नेताओं ने अपने बयान के साथ पिछले 6 वर्षों में खरीफ फसलों की कीमतों में हुई सालाना औसत वृद्धि का चार्ट भी पेश किया है, जिसके अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष खरीफ फसलों की कीमतों में मात्र 2% से 6% के बीच ही वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि इसी अवधि में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई में 10% और डीजल की कीमतों में 15% की वृद्धि हुई है और किसानों को खाद, बीज व दवाई आदि कालाबाज़ारी में दुगुनी कीमत पर खरीदना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, धान का अनुमानित उत्पादन लागत 2100 रूपये प्रति क्विंटल बैठता है और सी-2 फार्मूले के अनुसार धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3150 रूपये प्रति क्विंटल होना चाहिए, जबकि मोदी सरकार ने समर्थन मूल्य 1815 रूपये ही घोषित किया है. इस प्रकार, धान उत्पादक किसानों को वास्तविक समर्थन मूल्य से 1430 रूपये और 45% कम दिया जा रहा है। मोदी सरकार का यह रवैया सरासर धोखाधड़ीपूर्ण और किसानों को बर्बाद करने वाला है।
किसान सभा ने कहा है कि मोदी सरकार की इन कृषि विरोधी - किसान विरोधी काले कानूनों के खिलाफ और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सी-2 लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने की मांग पर 14 अक्टूबर को पूरे देश के किसान सड़कों पर उतरेंगे।