जानिए कैसे एआई-जनित चैट जीपीटी खा जाएगी कई हजार नौकरियां

जानिए कैसे एआई-जनित चैट जीपीटी खा जाएगी कई हजार नौकरियां

नई एआई-जनित चैट जीपीटी से प्रवेश स्तर की हजारों नौकरियां खतरे में

एआई टेकनीक में एक नई प्रगति हुई है जिसके बाद ओपन एआई-जनित चैट जीपीटी (AI-generated Chat GPT) विकसित हुआ। यह स्वचालन (ऑटोमेशन) की दिशा में एक बड़ी सफलता है, परन्तु इससे रोजगार के बाजार में प्रवेश के स्तर वाली हजारों हजार नौकरियां खतरे में पड़ गई हैं जिनमें प्रमुख हैं डाटा एंट्री जॉब्स (data entry jobs), प्रवेश स्तर की कॉपी राइटिंग (entry-level copywriting), कस्टमर केयर और सपोर्ट सेंटर, और यहां तक कि प्रवेश स्तर के सॉफ्टवेयर डेवलपर्स (entry-level software developers) आदि क्षेत्र।

मार्केटिंग पेशेवरों के लिए यह बड़ा उपयोगी उपकरण साबित हो सकता है, क्योंकि मानव संसाधनों के एचआर पेशेवर इस उपकरण को बहुत से काम सौंप सकते हैं। इस उपकरण को अब लोगों के लिए इसी वर्ष उपलब्ध करा दिया गया है।

यह नवविकसित उत्पाद प्राकृतिक-भाषा पाठ की मशीन (natural-language text machine) है जो समझ के निरंतर विकास का अनुसरण करता है, जिससे कंपनियों के उपयोग के लिए एआई की कई नई क्षमताएं संभव हो जाती हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि कंपनियां एआई के औद्योगीकरण (Industrialization of AI) में बहुत अधिक मूल्य देख रही हैं, तथा एआई के अधिकाधिक अनुप्रयोगों को तेजी से और आसानी से विकसित करने के लिए जमीनी स्तर पर कार्य कर रही हैं और प्रतिस्पर्धियों से आगे निकल रही हैं।

चैट जीपीटी उपयोगकर्ता के संकेतों के आधार पर मूल पाठ सामग्री को मंथन करता है, और मैकिन्से के अनुसार एआई के उपयोग में अगले उछाल की शुरूआत कर सकता है, नये अनुप्रयोगों को खोल सकता है और एआई को बिना किसी तकनीकी पृष्ठभूमि के खोल सकता है। यह नोट करता है कि केवल 11 प्रतिशत-कंपनियों ने अभी एआई क्षमताओं का लाभ उठाने की सूचना दी, जो आने वाले दिनों में बड़ी तेजी से बढ़ सकता है।

ओपन एई में माइक्रोसॉफ्ट कर सकता है 10 अरब का निवेश

ओपन एआई प्रौद्योगिकियां (Open AI Technologies) माइक्रोसॉफ्ट के साथ मुख्यधारा बनने के संकेत दिखा रही हैं। उड़ती खबर यह है कि टेक जायंट माइक्रोसॉफ्ट ओपनएई में 10 अरब का निवेश करने पर विचार कर रहा है। माइक्रोसॉफ्ट प्रमुख सत्या नडेला ने एआई को लोकतांत्रिक बनाने के लिए नये प्रौद्योगिकी मंच को एक प्रभावी उपकरण के रूप में वर्णित किया है, जो उद्योगों में डेवलपर्स और संगठनों को सर्वश्रेष्ठ एआई अवसंरचना, मॉडल और टूलचेन तक पहुंच प्रदान करता है।

Open AI Technologies को बढ़ावा देने के पीछे Microsoft का संपार्श्विक लाभ क्या है?

माइक्रोसॉफ्ट का संपार्श्विक लाभ यह है कि यह नई टेकनीक उसके स्वामित्व वाले एज़्योर क्लाउड प्लेटफॉर्म द्वारा संचालित है। कहा जाता है कि माइक्रोसॉफ्ट गूगल को चुनौती देने के लिए अपनी बोली में ओपन एआई के मॉडल को विभिन्न प्रकार के उपभोक्ता और उद्यम उत्पादों में तैनात करने की योजना बना रहा है।

माइक्रोसॉफ्ट-वर्ड में ओपन एआई का टेक्स्ट-जनरेटिंग जीपीटी मॉडल

माइक्रोसॉफ्ट ने ओपन एआई के टेक्स्ट-जनरेटिंग जीपीटी मॉडल (Open AI's text-generating GPT model) के एक अज्ञात संस्करण को पहले से ही अपने स्वत: पूर्ण सुविधा में माइक्रोसॉफ्ट-वर्ड में शामिल कर लिया है, और इसे वर्ड, पावर प्वाइंट और आउटलुक में आगे एकीकृत करने पर काम कर रहा है। जल्द ही इसके सबसे लोकप्रिय ऐप को कुछ भाषा एआई टूल्स के साथ एकीकृत किया जा सकता है, जो एआई उत्पादों के व्यापक उपयोग की गारंटी देगा।

नये विकास का भारत के लिए बहुत अधिक प्रभाव है, जहां एआई को अपनाना इसकी विशाल क्षमता के बावजूद कम है। नैसकॉम के अनुसार, एुआई से 2025 तक भारत की जीडीपी में $450-500 अरब की वृद्धि की उम्मीद है, जो 2025 तक देश के $5 खरब जीडीपी लक्ष्य का 10 प्रतिशत है। आईटी, वित्तीय सेवाओं, दूरसंचार और मीडिया, और खुदरा जैसे अत्यधिक डिजिटाइज्ड उद्योगों ने एआई कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त किया है, जबकि स्वास्थ्य सेवा और फार्मा, ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधन, और विनिर्माण जैसे क्षेत्र नई प्रौद्योगिकी सीमाओं को अपनाने में धीमे रहे हैं। लेकिन भारतीय परिस्थितियां इस दिशा में एक नये उछाल के लिए आदर्श हैं।

भारत में पहले से ही दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है। अकेले 2021 में, 2,250 से अधिक स्टार्ट-अप और 42 यूनिकॉर्न जोड़े गये। सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत के 555 जिलों में कम से कम एक स्टार्ट-अप था और अधिकांश उद्यम पूंजी निधि अब ई-कॉमर्स, बैंकिंग और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में एआई परियोजनाओं में जा रही है।

इसके अलावा, भारत के एआई-संबंधित पेटेंट आवेदन 2012 से 2018 तक दस गुना बढ़ गये। एआई पेटेंट परिवारों द्वारा शीर्ष 10 देशों में भारत रूस और फ्रांस से आगे 8वें स्थान पर था। चीन शीर्ष स्थान पर है, जिसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान हैं। टेक वेबसाइट एआईएम की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दायर किए जा रहे अधिकांश पेटेंट इलेक्ट्रॉनिक्स और हेल्थकेयर उद्योगों में हैं।

ब्राजील के बाद भारत एआई हायरिंग में दुनिया में नंबर दो

artificial intelligence
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंडेक्स रिपोर्ट 2021 (artificial intelligence index report 2021) के अनुसार, भारत में 2016 से 2020 तक एआई हायरिंग में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी वृद्धि थी- ब्राजील के पीछे और कनाडा, सिंगापुर और दक्षिण अफ्रीका से आगे। एनालिस्ट इंडिया मैगज़ीन के साथ-साथ आरा अकादमी ने भी बताया कि भारत में लगभग 91,000 एआई-संबंधित कर्मचारी काम कर रहे थे, तथा जुलाई 2020 तक 16,500 नौकरियों के अवसर थे। औसत वेतन 14.7 लाख रुपये था, जिसमें मुंबई में उच्चतम औसत वेतन 16.7 लाख रुपये था।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में एआई

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया है जिसमें एआई के अनुप्रयोग का उल्लेख किया गया है। यह उद्योग की वर्तमान मांगों को पूरा करने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने के लिए शिक्षा के सभी स्तरों पर एआई से संबंधित पाठ्यक्रम शुरू करने की सिफारिश करता है। इस संबंध में नीति बच्चों की शिक्षा के मूलभूत चरण में कम्प्यूटेशनल थिंकिंग (computational thinking सीटी) शुरू करने की सिफारिश करती है, ताकि भारत एआई, मशीन लर्निंग और डेटा साइंस के क्षेत्र में नेतृत्व की भूमिका निभा सके।

- के रवींद्रन

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