Jagadishwar Chaturvedi जगदीश्वर चतुर्वेदी। लेखक कोलकाता विश्वविद्यालय के अवकाशप्राप्त प्रोफेसर व जवाहर लाल नेहरूविश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष हैं। वे हस्तक्षेप के सम्मानित स्तंभकार हैं।
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गुरु माने ज्ञान गुलामी के मुक्तिदाता
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शास्त्र जनता के सहारे के लिए हैं, यह बात मेरे मन को हमेशा प्रेरित करती रही है। यह चीज ही है जिसके कारण मुझे परंपरागत संस्कृत ज्ञान परम्परा(Traditional Sanskrit Knowledge Tradition) से कोई शिकवा शिकायत नहीं हुई, समाज के लिए मंत्र जितने जरूरी हैं, विज्ञान भी उतना ही जरूरी है।
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समाज में विभिन्न किस्म के लोग हैं ऐसे लोग भी हैं जो परंपरा में जीते हैं, धर्म को मानते हैं, ज्ञान के परंपरागत रूपों की उनको सख्त जरूरत है।
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ऐसे भी लोग हैं जो परंपरा से बाहर निकल गए हैं, वैज्ञानिक नजरिए से देखते और जीते हैं, उनको विज्ञान और मार्क्सवाद आदि चाहिए। मैंने संयोग से दोनों पढ़े हैं और समय-समय पर दोनों की मदद लेता हूं।
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मैं ज्ञान का दास नहीं हूं।ज्ञा न और शास्त्र जनता से जोड़ने वाले सेतु हैं। वे समाज की सेवा के लिए हैं।
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मैंने यह भी सीखा कि व्यक्ति को ज्ञान का गुलाम नहीं होना चाहिए।
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भारत की सबसे बड़ी बाधा है पुरानी मुर्दा आदतों में जीना। आधुनिक भारत के निर्माण के लिए हमें बाधा मुक्त जीवनशैली को अपनाना चाहिए। हमारे विचार नए हैं, संविधान नया, तनख्वाह नई है, नए माल खाते हैं, लेकिन आदतें और सोचने का ढ़ंग सदियों साल पुराना है और इसके कारण भारत के अंदर एक विलक्षण नस्ल तैयार हुई है जिसके कपड़े नए हैं,दिमाग पुराना है। जिसकी चाहतें नई हैं, उन्हें पाने के उपकरण और आदतें पुरानी हैं।
पुरानेपन से भारत को मुक्त करने के लिए शॉक थैरेपी की सख्त जरूरत है। पुराने को पूरी तरह त्यागे बिना आधुनिक नागरिक नहीं बन सकते। ज्ञान गुलामी अतीत मोह पैदा करती है।
जगदीश्वर चतुर्वेदी
Know what is the meaning of Guru?
Jagadishwar Chaturvedi जगदीश्वर चतुर्वेदी। लेखक कोलकाता विश्वविद्यालय के अवकाशप्राप्त प्रोफेसर व जवाहर लाल नेहरूविश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष हैं। वे हस्तक्षेप के सम्मानित स्तंभकार हैं।