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अडानी के विरोध में देशभर में लाखों बिजली कर्मचारी सड़कों पर उतरे

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hastakshep
04 Jan 2023
ऊर्जा प्रबंधन के अड़ियल रवैये से प्रदेश में पैदा हो सकती है बिजली संकट की अप्रिय स्थिति

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महाराष्ट्र के बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के समर्थन में देशभर में लाखों बिजली कर्मचारी सड़कों पर उतरे

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महाराष्ट्र में मध्य रात्रि से प्रारंभ हड़ताल का बिजली उत्पादन पर व्यापक प्रभाव

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8000 मेगावाट से अधिक का बिजली उत्पादन ठप

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नई दिल्ली, 04 जनवरी 2023. अडाणी पॉवर लिमिटेड (Adani Power Limited) को महावितरण के क्षेत्र में लाइसेंस देने की प्रक्रिया के विरोध में महाराष्ट्र के 86000 बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने मध्यरात्रि से हड़ताल प्रारंभ कर दी है। बिजली हड़ताल का व्यापक असर दिखाई दे रहा है। महाराष्ट्र में अधिकांश बिजली उत्पादन घर, कर्मचारी उपलब्ध न होने के चलते ठप हो चुके हैं। महाराष्ट्र की बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के समर्थन में आज देश के सभी प्रांतों में लाखों कर्मचारी और इंजीनियर सड़क पर उतरे और महाराष्ट्र के बिजली कर्मियों का समर्थन किया। लखनऊ, चेन्नई,हैदराबाद,कोलकाता,देहरादून, बेंगलुरू, त्रिवेंद्रम, जबलपुर, भोपाल,वडोदरा,विजयवाड़ा, रायपुर,पटियाला,हिसार,पानीपत, शिमला, चंडीगढ़,जम्मू,श्रीनगर, राँची, गुवाहाटी, पटना आदि स्थानों पर कर्मचारियों और इंजीनियरों ने सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किये और निजीकरण के विरोध में राष्ट्रव्यापी आन्दोलन की चेतावनी दी।

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ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कि नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आवाहन पर देश के सभी प्रांतों में लाखों बिजली कर्मचारियों ने सड़कों पर उतर कर जोरदार प्रदर्शन किए और महाराष्ट्र के बिजली कर्मियों का समर्थन किया। 3 और 4 जनवरी की मध्य रात्रि से महाराष्ट्र के 86000 बिजली कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। यह 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल है जो 6 जनवरी तक चलेगी। यदि इसके बाद भी अदानी को बिजली वितरण का लाइसेंस देने की प्रक्रिया खारिज न की गई तो 18 जनवरी से महाराष्ट्र के बिजली कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे ।

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Shailendra Dubey, Chairman - All India Power Engineers Federation

Shailendra Dubey, Chairman - All India Power Engineers Federation

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शैलेंद्र दुबे ने बताया कि हड़ताल के चलते महाराष्ट्र के सरकारी क्षेत्र के बिजली उत्पादन व्यापक असर पड़ा है। 13000 मेगावाट की क्षमता के बिजली उत्पादन घरों से मात्र 5000 मेगावाट का बिजली उत्पादन हो रहा है। लगभग 8000 मेगावाट की क्षमता की बिजली उत्पादन इकाइयां कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण बंद करनी पड़ी है। जिसका बिजली वितरण पर भारी प्रतिकूल असर पड़ा है और महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति लगभग बन्द है।

उन्होंने बताया कि अदानी पावर कंपनी, सरकारी कंपनी महावितरण का नेटवर्क इस्तेमाल कर चेरी पीकिंग करेगी और मुनाफे वाले औद्योगिक एवं वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को सरकारी कंपनी से छीन लेगी। नतीजा यह होगा कि सरकारी कंपनी आर्थिक तौर पर कंगाल हो जाएगी और सरकारी कंपनी के पास न बिजली खरीदने का पैसा होगा और न ही वह आम गरीब उपभोक्ताओं को बिजली दे पाएगी।

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने इसे एक बड़ी साजिश बताते हुए कहा है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 अभी स्टैंडिंग कमिटी के सामने विचाराधीन है। किंतु मुंबई में अदानी पावर को बिना अपना नेटवर्क बनाएं लाइसेंस देकर परोक्ष तौर पर इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 के प्रावधान को लागू किया जा रहा है जो सरासर गलत है और अस्वीकार्य है।

उन्होंने बताया कि अदानी की तरह टोरेंट कंपनी ने भी पुणे, कल्यान, पिम्परी चिंचवड़, वाशी और चाकन में लाइसेंस के लिए अर्जी दी है तथा टाटा पावर ने औरंगाबाद और जलगांव का बिजली वितरण पीपीपी मॉडल पर लेने का की इच्छा जताई है।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जो प्रयोग हो रहा है वह चौंकाने वाला है। अरबों खरबों रुपए से बनाये गये बिजली का नेटवर्क निजी घरानों को मुनाफा कमाने के लिए इस्तेमाल करने की छूट देने से बिजली सेक्टर पूरी तरह तबाह हो जाएगा। इससे कर्मचारियों में भारी गुस्सा है।

Lakhs of power workers across the country took to the streets to protest against Adani

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