Lathicharge barbaric, inhuman and criminal acts on migrant laborers – Darapuri
लखनऊ 10 मई, 2020: आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता एस आर दारापुरी आईपीएस (से.नि.) ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों पर लाठीचार्ज चार्ज बर्बर, अमानवीय एवं अपराधिक कृत्य है। उन्होंने कहा है कि पहले तो बिना किसी योजना एवं विचार विमर्श के पूरे देश में अचानक लॉकडाउन लागू कर दिया जिसके फलस्वरूप करोड़ों मजदूर अलग-अलग जगह पर फंस गए. दूसरे जहाँ पर वे फंसे थे उनके लिए उचित भोजन व्यवस्था नहीं की गयी. तीसरे जब मजदूरों को घर भेजने का निर्णय लिया गया तो उसकी उचित योजना/व्यवस्था नहीं बनायीं गयी. परिणाम यह हुआ है रेल गाड़ियाँ आदि भी सुचारू ढंग से नहीं चलाई जा रही हैं. इस सब दुर्व्यवस्था के परिणाम स्वरूप मजदूरों में सरकारों के प्रति एक अविश्वास एवं असंतोष पैदा हो गया है. इससे दुखी हो कर उन्होंने अपने स्तर पर पैदल ही सैकड़ों, हजारों किलोमीटर चल कर अपने-अपने घर जाने का फैसला कर लिया है और वे अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं.
दारापुरी ने आगे कहा है कि अब जब मजदूर पैदल अथवा अपने साधनों से घरों के लिए निकल रहे हैं तो सरकारें उनके लिए कोई साधन उपलब्ध कराने की जगह मुख्य मार्गों पर पुलिस लगा कर उन्हें जबरदस्ती रोक रही है और इधर से उधर धकेल रही हैं. पुलिस द्वारा रोके जाने का विरोध करने पर उन पर अपराधियों की तरह डंडे बरसाए जा रहे हैं. मुख्य मार्गों पर पुलिस द्वारा रोके/पकड़े जाने के डर से वे रेल पटरियों, नहरों तथा बीहड़ के रास्ते पकड रहे हैं. औरंगाबाद में रेल पटरी पर 16 मजदूरों की मौत दुर्घटना नहीं बल्कि व्यवस्था द्वारा की गयी हत्याएं हैं. इसके इलावा अब तक अनगिनत मजदूर भुखमरी एवं सड़क दुर्घटनाओं में मौत का शिकार हो चुके हैं. ऐसा लगता है जैसे देश का अधिकतर मजदूर तबका सड़कों. पटरियों, नहरों और बीहड़ के रास्तों पर भूखा नंगा भटकने के लिए बाध्य कर दिया गया है. यह इतिहास की वीभत्स त्रासदी है. इसका ज़िम्मेदार कौन है?
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