Advertisment

'26 मार्च - भारत बंद' को वामपंथी दलों का समर्थन

author-image
hastakshep
21 Mar 2021
पूरे प्रदेश में जलाए गए मोदी-अडानी-अंबानी के पुतले, मरवाही में किसान सभा के दो नेता गिरफ्तार

Advertisment

वामपंथी पार्टियों का संयुक्त बयान

Advertisment

Left parties support 26 March - Bharat bandh

Advertisment

Joint statement of left parties

Advertisment

रायपुर, 21 मार्च 2021। तीन कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाये जाने की मांग को लेकर पिछले चार महीने से देश भर में चल रहे ऐतिहासिक किसान आंदोलन के आव्हान पर 26 मार्च को होने वाले भारत बंद का प्रदेश की चार वामपंथी पार्टियों ने समर्थन किया है। उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर को शुरू हुए इए ऐतिहासिक और शांतिपूर्ण आंदोलन को 26 मार्च को पूरे चार माह हो रहे हैं।

Advertisment

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव संजय पराते, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव आरडीसीपी राव, सीपीआई (एम एल)-लिबरेशन के राज्य सचिव बृजेन्द्र तिवारी और एसयूसीआई (सी) के विश्वजीत हरोड़े ने संयुक्त रूप से जारी बयान में कहा है कि देश की कृषि को कारपोरेट के हवाले करने और किसानों को उनकी ही जमीनों से बेदखल करने के साथ ही देश की अन्न सुरक्षा को खतरे में डालने वाले इन कानूनों का देश भर में विरोध हो रहा है। संसद में भी जिन राजनीतिक दलों ने पहले इन कानूनों का समर्थन किया था, अब इन्हें वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

Advertisment

इन दलों की ओर से कहा गया है कि ये कानून सिर्फ किसानों और कृषि के ही खिलाफ नहीं हैं, बल्कि गरीब की रोटी को भी कारपोरेट की तिजोरी में बंद कर देने की साजिश का हिस्सा हैं। गरीब के मुंह के निवाले को छीनने वाले इन कानूनों का देश का हर तबका विरोध कर रहा है।

Advertisment

वामपंथी दलों ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार की निजीकरण की नीतियों का अब तो मुखर विरोध हो रहा है। बैंकों की दो दिवसीय सफल हड़ताल के बाद बीमा क्षेत्र की दो दिन की सफल हड़ताल ने भी संघर्षरत किसानों की आवाज में आवाज मिलाई है।

वामपंथी दलों ने देश के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी 26 मार्च के भारत बंद को सफल बनाने की अपील की है।

Advertisment
सदस्यता लें