Listen devotees PM's "Mann ki Baat": Do more worship in Ramadan to end corona
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नई दिल्ली, 26 अप्रैल 2020. रविवार को देशवासियों को रमजान की शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम समाज से अपील की कि वे देश में कोरोनावायरस महामारी को खत्म करने के लिए रमजान में ज्यादा इबादत करें।
Take care of physical distancing while celebrating Ramadan
अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 64वें संस्करण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
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"रमजान मनाते समय फिजिकल डिस्टेंसिंग (शारीरिक दूरी) का ध्यान रखें और लॉकडाउन के नियमों का पालन करें।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
"बाजार में निकलते समय आस-पड़ोस का ध्यान रखें। इस बार रमजान संयम, संवेदना और सेवा भाव से मनाएं। ईद से पहले देश में करोना खत्म हो जाए इसके लिए रमजान के दौरान और अधिक इबादत करें।"
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प्रकृति, विकृति और संस्कृति का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से अपील कर इस सिद्धांत पर चलकर देश और समाज की की मदद करने को कहा।
विश्व के कई देशों को दवाई भेजे जाने की बात पर उन्होंने कहा,
"हमने अपने संस्कारों से कुछ फैसले लिए हैं। विश्व के कई देशों को संकट के समय हमने दवाइयां भेजी हैं। आज हमने जो मदद की है, वह अपने संस्कारों के अनुरूप की है। इस समय भारत की प्राथमिकता अपने लोगों को बचाने की जरूर है, लेकिन दूसरे देशों के लोगों का जीवन बचाना भी हमारा कर्तव्य है।"
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उन्होंने कहा,
"अपने देश का ध्यान रखकर हमने जरूरतमंद देशों की मदद की है और इसके बदले कई देशों ने हमें थैंक्स इंडिया कहा है।"
Emphasizing the relevance of Ayurveda, the Prime Minister said
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आयुर्वेद की प्रासंगिकता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा,
"हम कई बार अपनी शक्तियों को नहीं पहचानते हैं, लेकिन वही बात यदि रिसर्च के आधार पर कोई दूसरा देश बोलता है तब हम उसे स्वीकार करते हैं।"
उन्होंने कहा,
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"आयुष मंत्रालय ने कुछ दिशा निर्देश दिए हैं, उनका पालन करें। कई वर्षों की गुलामी की वजह से हम अपनी शक्तियों को नहीं पहचान पा रहे हैं। आयुर्वेद की शक्ति को पहचानें और चुनौतियां स्वीकार कर, योग की तरह ही आयुर्वेद को भी विश्व के मानचित्र पर अंकित करें।"
देशभर में रविवार को मनाए जा रहे अक्षय तृतीया पर्व की प्रासंगिकता पर प्रधानमंत्री ने कहा,
"भगवान श्रीकृष्ण ने सूर्य देव के माध्यम से पांडवों को अक्षय पात्र दिलवाया, जिसमें अन्न कभी खत्म नहीं होता था। उसी तरह देश के किसानों की वजह से देश का अक्षय पात्र आज भी भरा हुआ है।"
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प्रधानमंत्री ने कहा,
"आज विश्व के इकोसिस्टम के बारे में सोचने का समय है। हम सभी को मिलकर इस धरती को अक्षय रखने का प्रयास करना होगा।"