कैबिनेट मंत्री की चिट्ठी ने सरकारी व्यवस्थाओं की खोली पोल, कांग्रेस के आरोपों की हुई पुष्टि
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कोरोना कन्ट्रोल में भरोसा खो चुके हैं योगी, जनता का भरोसा खो चुकी है सरकार
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एंटीजन टेस्ट के अतिरिक्त आरटीपीसीआर जांच सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क व निजी अस्पतालों में भी कराने की व्यवस्था सुनिश्चित कराये सरकार
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लखनऊ 13 अप्रैल 2021। उप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू जी ने योगी सरकार के कानून मंत्री द्वारा खुद उप्र शासन के अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वं प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को पत्र लिखकर कोराना संक्रमण को नियंत्रित न कर पाने एवं चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने में अपनी ही सरकार की विफलता पर चिन्ता व्यक्त करने पर प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कानून मंत्री की चिट्ठी ने योगी सरकार की कोरोना महामारी को रोकने की तैयारियों एवं उपलब्ध सुविधाओं की कलई खोल कर रख दी है। कोरोना संक्रमण को लेकर योगी सरकार की उदासीनता व संवेदनहीनता उजागर हो गई है। कोरोना कंट्रोल करने में योगी सरकार अपना भरोसा जनता के बीच खो चुकी है। कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार इस सम्बन्ध में योगी सरकार पर लगाये जा रहे आरोपों की पुष्टि हो गई है।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि लखनऊ के हालात बेहद खौफनाक एवं चिन्ताजनक हैं। उप्र सरकार के कानून मंत्री की यह चिट्ठी स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल बयां कर रही है। उन्होने कहाकि कानून मंत्री ने अपने पत्र में साफ कहा है न एंबुलेंस है, न बेड और न ही जांच। जिस मुख्यमंत्री से लखनऊ नहीं संभल रहा, उससे उप्र क्या संभलेगा।
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अजय कुमार लल्लू ने कहा कि मुख्यमंत्री जी कोरोना कन्ट्रोल में भरोसा खो चुके हैं और सरकार जनता का भरोसा खो चुकी है। प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है। टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट और वैक्सीनेशन की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। सैंकड़ों की संख्या में लोग कोरोना महामारी से अपनी जान गंवा रहे हैं। शवदाह गृहों में शवों की अन्त्येष्टि के लिए लम्बी कतारें लगी हैं और अंतिम संस्कार के लिए परिजन घण्टों प्रतीक्षा करने के लिए विवश हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरू से ही योगी सरकार को कोरोना महामारी से निपटने और प्रभावी कदम उठाने की मांग करती रही है लेकिन सरकार की संवेदनहीनता अपनी पराकाष्ठा को पार कर चुकी है। अगर तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो द्वितीय चरण में केाराना संक्रमण का प्रकोप चार गुना से अधिक बढ़ गया है। उसके बाद भी सरकार लेवल-3 के लगभग 500 बेडों की उपलब्धता करा पाई है जो कि नाकाफी है और वर्तमान भयावह स्थिति केा देखते हुए न्यूनतम 2000 बेडों की लखनऊ में ही आवश्यकता है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि राजधानी में आक्सीजन की जिस प्रकार भारी कमी है और आक्सीजन सिलेण्डर तीन गुने दामों में ब्लैक में बेंचे जा रहे हैं यह आम जनता की जान के साथ खिलवाड़ है।
उन्होंने कहा कि सरकार को बिना देरी किये राजधानी के प्रमुख अस्पतालों एवं निजी अस्पतालों सहित प्रदेश के सभी जनपदों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी कोरोना की जांच की व्यवस्था और आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करानी चाहिए। इसके साथ ही एंटीजन टेस्ट के अतिरिक्त आरटीपीसीआर जांच सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क व निजी अस्पतालों में भी कराने की व्यवस्था कराई जाए।