राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन में सोनभद्र में सौंपा राष्ट्रपति के नाम सम्बोधित ज्ञापन
जनसवालों पर विफल सरकार कर रही विभाजनकारी राजनीति
सोनभद्र 19 दिसम्बर 2019, जनता के रोजगार, महंगाई, भ्रष्टाचार, किसानों की आत्महत्या रोकने में विफल आरएसएस की मोदी सरकार विभाजनकारी राजनीति कर रही है। इसी के लिए उसने संविधान की प्रस्तावना, समानता व जीने के मूल अधिकार के विरूद्ध नागरिकता संशोधन कानून बनाया है। दरअसल यह कदम हिन्दुत्व के संघी विचार की दिशा में ही बढ़ाया गया कदम है। यह दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक, गरीब व नागरिक विरोधी कानून है। कारपोरेट पूंजी की सेवा में लगी मोदी-योगी सरकार जन के सामने पैदा हो रहे संकट से बेहद डरी हुई है। इस जनाक्रोश को दबाने के लिए तानाशाही पर उतरी है, पूरे देश में प्रमुख विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों नौजवानों, पूर्वोत्तर राज्यों में हो रहे आंदोलनों पर दमन करने में लगी हुई है। लेकिन इनकी तानाशाही को लोकतांत्रिक आंदोलन परास्त करेगा।
यह बातें आज राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस के तहत पिपरी में स्वराज अभियान के नेता दिनकर कपूर ने कहीं।
पिपरी में सभासद मलर देवी के घर पर प्रभारी निरीक्षक पिपरी ने आकर राष्ट्रपति के नाम सम्बोधित ज्ञापन लिया। इस मौके पर सभासद मलर देवी, सभासद रेनुकूट नौशाद मिंया, पूर्व सभासद का. मारी, ठेका मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष तेजधारी गुप्ता, मंत्री कृपाशंकर पनिका, वर्कर्स फ्रंट के नेता ओ पी सिंह, रंजीत जायसवाल आदि लोग मौजूद रहे।
इसके अलावा युवा मंच के प्रदेष संयोजक राजेश सचान व आदिवासी वनवासी महासभा नेता जितेन्द्र लकड़ा, अशोक यादव के नेतृत्व में राबर्ट्सगंज एसडीएम के द्वारा, घोरावल एसडीएम के माध्यम से स्वराज अभियान के जिला संयोजक कांता कोल, मजदूर किसान मंच के जिला महामंत्री राजेन्द्र सिंह गोंड़ व श्रीकांत सिंह के नेतृत्व में और दुद्धी तहसील में मजदूर किसान मंच के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, स्वराज अभियान प्रवक्ता मंगरू प्रसाद गोंड़, पूर्व बीडीसी रामदास गोंड़ के नेतृत्व में तथा ओबरा में स्वराज अभियान नेता राहुल यादव, बीडीसी भगवान दास गोंड़, कर्मचारी नेता दुर्गाप्रसाद, पटरी दुकानदार एसोसिएशन अध्यक्ष अमल मिश्रा के नेतृत्व में राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में राष्ट्रपति से मांग की गयी है कि संविधान के रक्षक होने के नाते वह तत्काल नागरिकता संशोधन विधेयक वापस लेने व इसका विरोध कर रहे छात्रों, पूर्वोत्तर के नागरिकों समेत पूरे देश में जारी दमन चक्र पर रोक लगाने के लिए सरकार को निर्देश दें।