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मऊ में प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए दिन-रात सड़क पर तैनात सामाजिक कार्यकर्ता

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hastakshep
22 May 2020
क्या सबसे मज़बूत सरकार मुसीबत के समय ऐसा ही व्यवहार करती पाई जाती है?

Social workers stationed on the road day and night to help migrant laborers in Mau

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मऊनाथ भंजन (उप्र), 22 मई 2020. भारत में तेजी से पांव पसार रहे कोरोना महामारी से बचने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने सम्पूर्ण देश मे लॉकडाउन घोषित किया हुआ है.

हमारे भारत देश में 60% आबादी ऐसे तबके की पाई जाती है जो दिहाड़ी मजदूरी करके अपना जीवन यापन करते हैं.

कुछ लोग खुद का कार्य करके अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं तो वहीं कुछ लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अन्य राज्यो में जाकर मजदूरी करते हैं.

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कोरोना महामारी फैलने के बाद देश काफी संकटों का सामना कर रहा है.

महामारी आने के बाद देश में बड़ी-बड़ी कंपनियां बन्द पड़ी हैं. लॉकडाउन की अवधि बढ़ने से रोज कमाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करने वाले प्रवासी मजदूरों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। हर वर्ग के लोगों के सामने रोज़ी रोटी का संकट खड़ा हो गया.

रोज़ी-रोटी का संकट देख कर प्रवासी मजदूर अपने-अपने घरों की राह देखने लगे और संसाधन न होने के कारण पैदल ही भूखे प्यासे अपनी मंज़िल की ओर  निकल पड़े.

मऊ के सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद कासिम अंसारी प्रवासी मज़दूरों के लिए लगातार खाने-पीने की व्यवस्था कर रहे हैं। जिससे प्रवासी मजदूरों को अपनी मंज़िल तक पहुंचने में आसानी हो। पैदल जा रहे प्रवासी मजदूरों को गाड़ी से भी उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है।

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