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काले कृषि कानूनों पर देश को गुमराह कर रही मोदी सरकार

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hastakshep
06 Feb 2021
सामाजिक कार्यकर्ता जैनब के परिजनों के उत्पीड़न पर बोला एआईपीएफ, विधि के अनुसार काम करे योगी सरकार

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कृषि कानून की वापसी के लिए आइपीएफ कार्यकर्ताओं ने पीएम को भेजा पत्रक

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लखनऊ, 06 फरवरी 2021, संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहान पर आज किसानों के समर्थन में आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट, जय किसान आंदोलन से जुड़े मजदूर किसान मंच के कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में काले कृषि कानूनों को वापस करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने और किसान आंदोलन का दमन बंद करने व किसानों पर लगाए सभी मुकदमे वापस लेने की मांग पर प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा।

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आज प्रेस को जारी बयान में आइपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता एस. आर. दारापुरी व मजदूर किसान मंच के महासचिव डा. बृज बिहारी ने यह जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि आगरा व सीतापुर में किसान नेताओं व किसानों को प्रशासन द्वारा दी गई लाखों रूपए की शांतिभंग में पाबंद करने की नोटिसों की दमनात्मक कार्यवाही की कड़ी निंदा आज के कार्यक्रमों में की गई।

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कार्यकर्ताओं ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार इन कानूनों के बारे में लगातार देश को गुमराह कर रही है कि इनमें काला क्या है। जबकि सभी लोग बखूबी जानते है कि ये कानून ही देशी विदेशी कारपोरेट घरानों के लाभ के लिए बनाए गए है और इनसे हमारी देश की आर्थिक सम्प्रभुता तहस नहस हो जायेगी और खेती किसानी बर्बाद हो जायेगी। जमाखोरी की छूट, जमीन व किसान की उपज की लूट ही इन कानूनों का मकसद है जिसे कई दौरों की वार्ता में किसान संगठन सरकार को बता चुके है। बावजूद इसके सरकार इसे वापस लेने को तैयार नहीं है। एक तरफ प्रधानमंत्री किसानों से वार्ता के लिए एक फोन काल दूर की बात करते है वही दूसरी तरफ किसान आंदोलन के विरूद्ध सरकार ने युद्ध छेड़ा हुआ है। हर तरह से सरकार किसान आंदोलन पर दमन, उसकी घेराबंदी, दुष्प्रचार करने में लगी हुई है। सरकार की किसान आंदोलन को अलगाव में डालने की हर कोशिशों के बावजूद किसान आंदोलन का दायरा और समर्थन लगातार बढ़ता जा रहा है। 

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आज के कार्यक्रमों का नेतृत्व लखीमपुर खीरी में एआईपीएफ के प्रदेश अध्यक्ष डा. बी. आर. गौतम, सीतापुर में मजदूर किसान मंच नेता सुनीला रावत, युवा मंच के नागेश गौतम, अभिलाष गौतम, सोनभद्र में प्रदेश उपाध्यक्ष कांता कोल, कृपाशंकर पनिका, मंगरू प्रसाद गोंड़, ज्ञानदास गोंड़, सूरज कोल, श्रीकांत सिंह, रामदास गोंड़, शिव प्रसाद गोंड़, महावीर गोंड, आगरा में आइपीएफ महासचिव इंजीनियर दुर्गा प्रसाद, चंदौली में अजय राय, आलोक राजभर, रामेश्वर प्रसाद, इलाहाबाद में युवा मंच संयोजक राजेश सचान, इंजीनियर राम बहादुर पटेल, मऊ में बुनकर वाहनी के इकबाल अहमद अंसारी, बलिया में मास्टर कन्हैया प्रसाद, बस्ती में एडवोकेट राजनारायण मिश्र, श्याम मनोहर जायसवाल, गोण्डा में साबिर अजीजी, आरिफ, लखनऊ में वर्कर्स फ्रंट अध्यक्ष उपाध्यक्ष उमाकांत श्रीवास्तव, एडवोकेट कमलेश सिंह, वाराणसी में प्रदेश उपाध्यक्ष योगीराज पटेल ने किया।





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