देश को बचाने के लिए है मजदूरों की राष्ट्रीय हड़ताल - आइपीएफ

hastakshep
28 Mar 2022
देश को बचाने के लिए है मजदूरों की राष्ट्रीय हड़ताल - आइपीएफ

National strike of workers is to save the country - IPF

प्रदेश में विभिन्न जगह हड़ताल के समर्थन में हुए प्रदर्शन 

लखनऊ, 28 मार्च 2022, मजदूर विरोधी चार लेबर कोड बनाने और निजीकरण व महंगाई के खिलाफ आयोजित केन्द्रीय श्रम संघों की आयोजित राष्ट्रव्यापी हड़ताल (Nationwide strike organized by central labor unions) को आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट, वर्कर्स फ्रंट और मजदूर किसान मंच ने समर्थन देते हुए प्रदेश में विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन किए।

आइपीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी ने प्रेस को जारी अपने बयान में कहा कि ग्लोबल पूंजी और देशी कारपोरेट घरानों को देश की सार्वजनिक राष्ट्रीय सम्पदा को मोदी सरकार द्वारा बेचने के खिलाफ मजदूरों की राष्ट्रीय हड़ताल देश को बचाने के लिए है। मोदी सरकार लगातार मेहनतकश तबके पर हमला कर रही है। ईपीएफ की ब्याज दरों में कटौती इसका ताजा उदाहरण है। इस कटौती से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सर्वाधिक नुकसान होगा। इससे पहले सरकार ने 44 श्रम कानूनों को खत्म कर मजदूर विरोधी चार लेबर कोड संसद से पारित किए। जिसमें काम के घंटे बढ़ाकर बारह करने का प्रावधान है।

उन्होंने कहा कि विद्युत संशोधन विधेयक 2021 के जरिए सरकार बिजली का निजीकरण करने में लगी है। जिसके दुष्परिणाम आम जनता खासकर किसानों को महंगी बिजली के रूप में भुगतने पड़ेगे। महंगाई बेलगाम हो वुकी है पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, सीएनजी के दाम रोज बढ रहे है। एक अप्रैल से दवाओं के दामों में भी बड़़ी वृद्धि होने जा रही है। रोजगार का संकट गहरा रहा है और आर्थिक असमानता बढ़ रही है। लाखों सरकारी विभागों में खाली पदों पर भर्ती नहीं निकाली जा रही है। इसके खिलाफ देश के सभी प्रमुख श्रमिक संघों की सफल अखिल भारतीय हड़ताल जन प्रतिरोध को मजबूत करेगी।

कार्यक्रमों में सीतापुर में मजदूर किसान मंच के प्रदेश महामंत्री डा. बृज बिहारी, सुनीला रावत, सोनभद्र में आइपीएफ जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका, राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, तेजधारी गुप्ता, चंदौली में अजय राय, लखनऊ में वर्कर्स फ्रंट अध्यक्ष दिनकर कपूर, बस्ती में श्याम मनोहर शामिल रहे। 

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