/hastakshep-prod/media/post_banners/gp6MHckiYw5V28JEx9Bk.jpg)
/filters:quality(1)/hastakshep-prod/media/post_banners/gp6MHckiYw5V28JEx9Bk.jpg)
आइपीएफ कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन
काले कृषि कानून व लेबर कोड की वापसी तक जारी रहेगा आंदोलन
मोदी सरकार एक विफल सरकार है
लखनऊ, 26 मई 2021, किसान आंदोलन के छः माह और मोदी सरकार के सात साल पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा और संयुक्त ट्रेड यूनियन्स की तरफ से देशभर में आयोजित काला दिवस में आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट, जय किसान आंदोलन से जुड़े मजदूर किसान मंच, वर्कर्स फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के गांव-गांव में विरोध प्रदर्शन किया।
इस विरोध प्रदर्शन की जानकारी प्रेस को देते हुए आइपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व आईजी एस. आर. दारापुरी व मजदूर किसान मंच के महासचिव डा. बृज बिहारी ने कहा कि कारपोरेट हितों के लिए जिस तरह से मोदी सरकार ने किसानों के प्रति संवेदनहीन, दमनात्मक व अमानवीय रूख अपनाया है और कोरोना महामारी से निपटने में आपराधिक लापरवाही बरती है। उससे साफ हो गया है कि यह एक विफल सरकार है और अब इसने सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है।
विरोध प्रदर्शन में आइपीएफ कार्यकर्ताओं ने किसान विरोधी तीनों काले कृषि कानूनों और मजदूर विरोधी लेबर कोड रद्द करने, विद्युत संशोधन विधेयक 2021 को वापस लेने, आंदोलन के दौरान किसानों पर लादे मुकदमें वापस लेने, कोरोना महामारी में इनकम टैक्स न देने वाले हर परिवार को आर्थिक मदद देने, सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने, पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की बढ़ी कीमते वापस लेने, वनाधिकार कानून के तहत जमीन का पट्टा देने, रोजगार के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाने और मनरेगा में 150 दिन काम व बकाया मजदूरी के भुगतान, देश के सार्वजनिक उद्योगों व प्राकृतिक सम्पदा के निजीकरण को खत्म करने और 181 वूमेन हेल्पलाइन को पूरी क्षमता से चलाने व उनका बकाया वेतन देने की मांगों को प्रमुखता से उठाया।
काला दिवस का लखीमपुर खीरी में आइपीएफ के प्रदेश अध्यक्ष डा. बी. आर. गौतम, सीतापुर में मजदूर किसान मंच नेता सुनीला रावत, युवा मंच के नागेश गौतम, अभिलाष गौतम, लखनऊ में वर्कर्स फ्रंट अध्यक्ष दिनकर कपूर, उपाध्यक्ष उमाकांत श्रीवास्तव, एडवोकेट कमलेश सिंह, एडवोकेट पूजा पांडेय, सोनभद्र में कृपाशंकर पनिका, मंगरू प्रसाद गोंड़, राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, सूरज कोल, श्रीकांत सिंह, रामदास गोंड़, शिव प्रसाद गोंड़, महावीर गोंड,़ आगरा में आइपीएफ महासचिव ई. दुर्गा प्रसाद, चंदौली में अजय राय, आलोक राजभर, डा. राम कुमार राय, गंगा चेरो, रामेश्वर प्रसाद, इलाहाबाद में युवा मंच संयोजक राजेश सचान, अध्यक्ष अनिल सिंह, इंजीनियर राम बहादुर पटेल, मऊ में बुनकर वाहनी के इकबाल अहमद अंसारी, बलिया में मास्टर कन्हैया प्रसाद, बस्ती में एडवोकेट राजनारायण मिश्र, श्याम मनोहर जायसवाल, वाराणसी में प्रदेश उपाध्यक्ष योगीराज पटेल, पीलीभीत में रेनू शर्मा, खुशबू, रायबरेली में साधना राय, गाजीपुर में रेखा सिंह, कन्नौज से शिल्पी, औरैया से प्रतिभा दूबे, सुल्तानपुर सीमा, गोरखपुर से गीता शुक्ला, बागपत से रीता आदि ने नेतृत्व किया।