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भागलपुर से विशद कुमार. बिहार के भागलपुर में शुरू आज 10 वें दिन किसान आंदोलन के साथ एकजुटता में सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के बैनर तले 'शहीद जगदेव-कर्पूरी संदेश यात्रा' जारी रही।
जिले सुल्तानगंज प्रखंड के पसराहा, करहरिया, शरीफा, दिग्घी, पसरहा हटिया, मोहदीपुर, धांधी बेलारी, भीड़ समन्न आदि गांवों में ग्रामीणों से संवाद हुआ व सभाएं हुईं।
यात्रा के दरम्यान सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के रामानंद पासवान और अंजनी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार एससी, एसटी व ओबीसी को सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक तौर पर फिर से पुराने दौर में धकेलने की साजिश कर रही है। हर क्षेत्र में ब्राह्मणवादी सवर्ण वर्चस्व को मजबूत बनाने की कोशिश चल रही है।
उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों के जरिए ओबीसी-एससी-एसटी जातियां खेती के मालिकाना हक से बेदखल हो जाएंगी, हासिल उपलब्धियां खत्म हो जाएगी, भूमिहीन बहुजनों को जमीन का हक नहीं मिलेगा, बल्कि खेत व खेती पूंजीपतियों के हवाले हो जाएगी।
खेती-किसानी के जरिए एससी-एसटी-ओबीसी द्वारा हासिल आर्थिक सशक्तिकरण छीन जाएगा, वे मजदूरों में बदल दिये जाएंगे।
बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के मिथिलेश विश्वास और राजेश रौशन ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के तमाम संस्थानों का निजीकरण करके आरक्षण को अघोषित तौर ख़त्म किया जा रहा है। दूसरी तरफ़ सवर्णों को असंवैधानिक आर्थिक आधार पर दस फ़ीसदी आरक्षण दे दिया गया। संयुक्त सचिव जैसे नीति निर्धारक पदों पर लैटरल इंट्री के ज़रिए सवर्णों को लाया जा रहा है। एससी, एसटी व ओबीसी बेदखल हो रहे हैं। नई शिक्षा नीति-2020 के जरिए फिर से एकलव्य का अंगूठा काटने की साजिश हो रही है।