Advertisment

स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना संक्रमण से बचाएगी नई टेलीमेडिसिन प्रणाली

author-image
hastakshep
02 Oct 2020
कोविड -19 और नैदानिक चिकित्सा का अंत, जैसा कि हम जानते हैं : ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर का लेख

Advertisment

New telemedicine system will protect health workers from corona infection

Advertisment

नई दिल्ली, 02 अक्तूबर :कोविड-19 की चुनौती से दुनिया को जूझते हुए छह माह से अधिक समय  बीत चुका है। फिर भी, बीमारी के उपचार या बचाव की कोई दवा या टीका अभी तक सामने नहीं आ पाया है। ऐसे में, स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ने के साथ-साथ स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमण की चपेट में आने की घटनाएं भी देखने को मिल रही हैं। इस समस्या से निपटने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर (IIT Kharagpur) के कंप्यूटर साइंस ऐंड इंजीनियरिंग विभाग के शोधकर्ताओं ने iMediX नामक एक टेलीमेडिसिन प्रणाली विकसित की है। यह प्रणाली मरीज को बिना अस्पताल गए दूर से ही आवश्यक चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराने में सक्षम है। संक्रमितों से वास्तविक संपर्क की आवश्यकता समाप्त हो जाने से स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने का खतरा भी कम जाएगा।

Advertisment

यह टेलीमेडिसिन प्रणाली अस्पताल द्वारा दी जाने स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ होमकेयर को एकीकृत रूप से सुलभ बना सकती है।

Advertisment

कोविड-19 महामारी जन्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस टेलीमडेसिन प्रणाली के द्वारा चिकित्सक दूरस्थ परामर्श के माध्यम से घर पर ही रोगियों को महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल और परामर्श की सुविधा प्रदान कर सकते हैं। किसी भी मानक इंटरनेट ब्राउजर और मोबाइल डिवाइस की मदद से इस सुविधा का उपयोग किया जा सकता है।

Advertisment

इस प्रणाली में, मरीज अपना ईमेल आईडी या मोबाइल नंबर फीड करके एकाउंट बना सकते हैं।

Advertisment

एकाउंट लॉगिन करके रोगी अस्पताल के संबंधित विभाग को चुनकर अपनी समस्या और स्कैन किए गए मेडिकल रिकॉर्ड अपलोड करके परामर्श के लिए अनुरोध कर सकते हैं। अस्पताल प्रशासन मरीजों के अनुरोध को संसाधित करता है और डॉक्टर को सौंप देता है। डॉक्टर मरीजों को परामर्श देने का समय निर्धारित करते हैं, जिसकी सूचना ईमेल और एसएमएस के जरिये उन्हें भेज दी जाती है। निर्धारित समय पर डॉक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग करते हुए रोगी को परामर्श देते हैं। डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाएं एवं परामर्श ईमेल द्वारा रोगी को भेज दिया जाता है, जिसे मरीज अपने एकाउंट से डाउनलोड कर सकते हैं।

Advertisment

इस सॉफ्टवेयर प्रणाली को गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्तूबर को शुरू किया गया है। इसे आईआईटी खड़पुर परिसर स्थित डॉ. बी.सी. रॉय प्रौद्योगिकी अस्पताल के साथ एकीकृत किया जाएगा, जो परिसर में रहने वालों के लिए आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है।

प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर जयंत मुखोपाध्याय ने बताया कि

“महामारी को फैलने से रोकने के लिए संक्रमण की आशंका से ग्रस्त लोगों को घरों में अलग रखने और घरेलू संगरोध (क्वारंटाइन) के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह प्रणाली मौजूदा स्थिति की जरूरतों को पूरा करने में मददगार हो सकती है। वृद्ध रोगियों के इलाज और चिकित्सीय फॉलो-अप में यह तंत्र विशेष रूप से उपयोगी होगा।”

आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रोफेसर वी.के. तिवारी ने कहा है कि “इस वर्ष अप्रैल में कोविड-19 स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए हमने आठ परियोजनाओं की घोषणा की थी। इन परियोजनाओं में शामिल यह टेलीमेडिसिन प्रणाली विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। जब हमारा कैंपस अपने छात्रों समेत 30 हजार लोगों के साथ पूरी क्षमता से कार्य करना शुरू करेगा, तो सबको स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत होगी। यह तकनीक स्वास्थ्य जरूरतों को कुशलता से पूरा करते हुए संक्रमण फैलने के जोखिम को कम करेगी। शारीरिक दूरी बनाए रखकर स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए इस डिजिटल प्लेटफॉर्म की एक महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

(इंडिया साइंस वायर)

Advertisment
सदस्यता लें