ड्रैगन फ्रूट की खेती कहाँ होती है ? ड्रैगन फ्रूट का स्वाद कैसा होता है ? ड्रैगन फ्रूट कौन से देश में पाया जाता है?
Researchers call dragon fruit a super-food
नई दिल्ली, 13 सितंबर, 2021 : कैक्टस कुल को आमतौर पर कांटेदार पौधों के लिए जाना जाता है। ऐसे में, यह जानकर हैरानी हो सकती है कि कैक्टस परिवार से संबंधित फल ड्रैगन फ्रूट दुनियाभर में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। ड्रैगन फ्रूट के प्रचलन के साथ-साथ इसकी खेती हाल के वर्षों में भारत में बढ़ी है। इसके स्वास्थ्यवर्द्धक गुणों को देखते हुए इस पर देश-विदेश में शोध हो रहे हैं।
ड्रैगन फ्रूट में पाए जाने वाले पोषक तत्व | Nutrients found in dragon fruit
भारतीय शोधकर्ताओं के ऐसे ही एक अध्ययन में ड्रैगन फ्रूट (Hylocereus species) में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की पड़ताल की है। ड्रैगन फ्रूट की कम कैलोरी और पोषक गुणों के कारण इसे सुपर-फूड की संज्ञा दी जा रही है।
ड्रैगन फ्रूट को यह नाम उसकी बाहरी त्वचा और पपड़ीदार स्पाइक्स के कारण दिया गया है। हालांकि नाम सुनने में भले ही लगे, लेकिन ड्रैगन फ्रूट में विभिन्न पोषक तत्वों के साथ भरपूर मात्रा में पानी और अन्य महत्वपूर्ण खनिज होते हैं।
ड्रैगन फ्रूट का स्वाद कैसा होता है ? What does dragon fruit taste like?
इसका स्वाद हल्का मीठा होता है और इसकी कीवी और सेब की मिलीजुली बनावट होती है। इस फल का रसदार गूदा बेहद स्वादिष्ट होता है। कैक्टस कुल में इसके फूल बेहद सुंदर माने जाते हैं। इसीलिए, इसे ‘नोबेल वुमन’ या ‘क्वीन ऑफ द नाइट’ के नाम से भी जाना जाता है।
इस फल के उच्च पोषण मूल्य की जानकारी तो पहले से उपलब्ध है। लेकिन, फल की किस किस्म में बेहतर पोषण होता है और अच्छी उपज के लिए किसान को किस पर विचार करना चाहिए, इसके बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं है। इसी बात को ध्यान में रखकर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु के शोधकर्ताओं की एक टीम ने भारत में उगायी जाने वाली ड्रैगन फ्रूट के सात लोकप्रिय क्लोनों की जाँच की है, जिनमें दो में सफेद गूदे वाले फल और पाँच में लाल गूदे वाले फल शामिल हैं।
अध्ययन में, ड्रैगन फ्रूट (Hylocereus) प्रजाति एच. अनडेटस (सफेद गूदे एवं गुलाबी त्वचा वाले फल), और एच. पॉलिराइजस (लाल गूदे एवं गुलाबी त्वचा वाले फल) के पोषण और जैव-रासायनिक संरचना की जाँच ड्रैगन फ्रूट संबंधित पोषण संरचना डेटा विकसित करने और उनकी तुलना के लिए की गई है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि सफेद गूदे वाले ड्रैगन फ्रूट (white fleshed dragon fruit) लाल गूदे वाले फलों के मुकाबले उपज और शर्करा की मात्रा के मामले में बेहतर होते हैं। वहीं, लाल गूदे वाले फल फाइबर, फेनोलिक्स और एंटी-ऑक्सिडेंट के मामले में बेहतर पाए गए हैं। अमीनो एसिड से भरपूर ड्रैगन फ्रूट में हिस्टिडीन, लाइसिन, मेथियोनीन, और फेनिलएलनिन जैसे तत्व पाए जाते हैं।
ड्रैगन फ्रूट में कैफिक एसिड, फेरुलिक एसिड, विटामिन-सी, विटामिन K1, पोटेशियम और आयरन भी पाया जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि दोनों प्रकार के फल अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आदर्श हैं, क्योंकि इनमें कैलोरी कम होती है।
ड्रैगन फ्रूट को स्टेम कटिंग के माध्यम से संवर्द्धित किया जाता है।
अध्ययन के दौरान, आईसीएआर-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान के प्रायोगिक फार्मयार्ड में क्लोन लगाए थे। 12 से 15 महीनों में इसमें फूल आना शुरू हो जाते हैं और फल लगने के 30-35 दिनों बाद वे तोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं।
ड्रैगन फ्रूट की बेल दिखने में कैक्टस जैसी होती है, जिसे सहारा देने के लिए खंभों का उपयोग किया जाता है, ताकि फलों की बेलें फैल सकें।
ड्रैगन फ्रूट की हिरेहल्ली व्हाइट किस्म के प्रत्येक खंभे पर 51 फलों से लेकर अंडमान रेड में 96 तक फल होते हैं। अंडमान रेड की प्रति खंबे पर लगभग 10 किलो उपज मिली है, जबकि हिरियूर राउंड रेड की पैदावार 30 किलो से अधिक थी। हिरियूर राउंड रेड की प्रति हेक्टेयर उपज अंडमान रेड की तुलना में दोगुने से अधिक थी। फलों के स्वाद और पोषण गुण इन कारकों को प्रभावित करते हैं।
लाल किस्मों के गूदे में फेनोलिक एसिड की मात्रा अधिक होती है। यह बीटासायनिन के अलावा विटामिन-सी, विटामिन-ई और विटामिन-के से भी भरपूर होता है, जिसे कई स्वास्थ्य लाभ के लिए जाना जाता है। घुलित शर्करा और कार्बनिक अम्ल सहित कुल घुलनशील ठोस पदार्थ भी इसमें भरपूर मात्रा में पाये गए हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि जब किसान खेती के लिए क्लोन चुनते हैं, तो विभिन्न किस्मों के दाम किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कारक होते हैं। इसलिए, विभिन्न किस्मों के गुणों का पता लगाना आवश्यक होता है।
शोधकर्ताओं में शामिल जी. करुणाकरण कहते हैं - ‘कुल घुलनशील ठोस और अम्लता का संयोजन इसे बेहतर स्वाद देता है।’ सफेद गूदे वाले फलों में उच्च फाइबर और शर्करा कम होती है।
शोधकर्ता कहते हैं, 'वजन घटाने में यह मददगार हो सकता है। इसके साथ ही, मधुमेह रोगियों के लिए यह आदर्श फल हो सकता है। उपज और जैव-रासायनिक दोनों मापदंडों के मामले में फलों की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए, सफेद गूदे वाले हिरेहल्ली व्हाइट ड्रैगन फ्रूट क्लोन और लाल क्लोनों में हिरियूर राउंड रेड बेहतर पाए गए हैं।
Pitaya (पिताया)
दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका और एशियाई मूल का फल डैगन फ्रूट को पिताया या पितहाया के नाम से भी जाना जाता है।
ड्रैगन फ्रूट की खेती कहाँ होती है ? ड्रैगन फ्रूट कौन से देश में पाया जाता है?
ड्रैगन फ्रूट की खेती (dragon fruit farming) दक्षिण-पूर्व एशिया, अमेरिका, कैरिबियाई क्षेत्र और ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया के उष्ण-कटिबंधीय और उपोष्ण-कटिबंधीय क्षेत्रों में मुख्य रूप से की जाती है।
इस अध्ययन में, आईसीएआर-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलूरू के शोधकर्ता एम. अरिवलगन, जी. करुणाकरण, टी.के. रॉय, एम. दिन्शा, बी.सी. सिंधु, वी.एम. शिल्पाश्री, जी.सी. सतीश और के.एस. शिवशंकर शामिल हैं। यह अध्ययन शोध पत्रिका फूड केमिस्ट्री में प्रकाशित किया गया है। (इंडिया साइंस वायर)
Topics: Biochemical, nutritional, dragon fruit, Hylocereus species, ICAR, Indian Institute of Horticultural Research, Fruit Crops, Horticultural