लखनऊ, 30 जून। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने गाजीपुर बॉर्डर पर सात महीनों से शांतिपूर्ण धरना दे रहे किसानों पर बुधवार को पुलिस की मौजूदगी में भाजपाइयों द्वारा शारीरिक रूप से हमला करने की कोशिश की कड़ी निंदा की है।
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राज्य सचिव सुधाकर यादव ने यहां जारी बयान में कहा कि भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जोर-जबरदस्ती और धनबल सहित सारे हथकंडे अपनाने के बाद अब किसान आंदोलन को गुंडागर्दी के सहारे खत्म कराना चाहती है। अगर ऐसा नहीं है, तो किसान धरना के सभा स्थल पर भाजपाई झंडों के साथ कौन लोग पहुंचे थे और उन्होंने किसानों के लिए लगातार अपशब्दों का प्रयोग क्यों किया? वहां मौजूद पुलिस ने इन भाजपाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने की जगह मूकदर्शक बन कर उन्हें संरक्षण क्यों दिया?
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माले नेता ने कहा कि पं. बंगाल चुनाव में किसान नेताओं के प्रचार के बाद पराजय का स्वाद चख चुकी भाजपा को अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की चिंता सता रही है। यूपी के प्रवेश द्वार पर महीनों से डटे आंदोलनकारी किसानों को योगी सरकार और भाजपा अपने लिए खतरा समझ रही है। गत अप्रैल के पंचायत चुनाव में पिछड़ने के बाद वह निराशा में किसान आंदोलन को समाप्त कराने के लिए साजिश रच रही है। लेकिन आंदोलनकारी किसान भी कोई कच्ची गोलियां नहीं खेले हैं और जैसे उन्होंने हर बार आंदोलन को क्षति पहुंचाने की साजिशों को मुंहतोड़ जवाब दिया है, वैसे आगे भी देते रहेंगे।
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