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पृथ्वी पर मानवता के लिए सुरक्षा और न्याय का हुआ पहली बार मूल्यांकन

दुनिया पहले ही सुरक्षित और न्यायसंगत क्लाइमेट बाउंड्री पार कर चुकी है, जो प्री इंडस्ट्रियल टेम्परेचर स्तरों से 1 डिग्री सेल्सियस ऊपर निर्धारित है, जिससे लाखों लोग पहले से ही जलवायु परिवर्तन के मौजूदा स्तर से नुकसान उठा रहे हैं। 

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hastakshep
01 Jun 2023
Climate change

A just world on a safe planet: First study quantifying Earth System Boundaries live

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नई दिल्ली, 01 जून 2023. नेचर जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन “Safe and just Earth system boundaries” के अनुसार हम अपनी सभ्यता के भविष्य और पृथ्वी पर रहने वाले हर जीव जंतु पेड़ पौधे, हर चीज़ के अस्तित्व को संकट में डाल कर उनके साथ भारी खिलवाड़ कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय विज्ञान आयोग द्वारा विकसित की गई इस स्टडी में, दुनिया भर के 40 से ज़्यादा अनुसंधानकर्ता एकजुट होकर इस नतीजे पर पहुंचे हैं, जो पृथ्वी प्रणाली की वैज्ञानिक स्थिति को नियंत्रित करने वाली कई जैवभौतिक प्रक्रियाओं और प्रणालियों के लिए वैश्विक और स्थानीय स्तर पर सुरक्षित और न्यायपूर्ण अर्थ सिस्टम की सीमाओं का पहली बार उल्लेख करते हैं। पहली बार इंसानी और इस धरती की सुरक्षा और न्याय का ऐसा मूल्यांकन किया गया है। 

अर्थ कमीशन नाम के इस समूह के वैज्ञानिकों के अनुसार यह बेहद चुनौतीपूर्ण रहा क्योंकि अब तक इस जमीन को महफूज रखने की अब तक कई सुरक्षित सीमाएं पहले ही पार हो चुकी हैं। 

गौरतलब है कि जब से यह धरती बनी है तब से उस पर जो युग बीते हैं उनमें एंट्रोप्रोसिन युग सबसे सुरक्षित रहा है जब इंसान इस जमीन पर आया। इस काल में पृथ्वी पर कोई उथल पुथल नहीं हुई। लेकिन इंसानियत ने ख़ुद ही उत्सर्जन करके क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग को दावत दे दी है, जिसने पृथ्वी पर उथल पुथल मचा दी। मौसम का मिज़ाज बदलने लगा और कड़क गर्मी ने इंसान की कमर तोड़ दी। बारिश का पैटर्न की पूरा गड़बड़ा गया जिससे कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ का सामना करना पद रहा है। महासागरों में नित नये चक्रवात आने लगे, ग्लेशियर पिघल रहे हैं, समुद्र का एसटीआर ऊपर उठने लगा। 

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ग्रह सीमाओं के भीतर रहने के लिए मानवता के लिए न्याय एक आवश्यकता है…

प्रोफेसर जोहान रॉकस्ट्रॉम, अर्थ कमीशन के सह-अध्यक्ष, प्रमुख लेखक और पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च के निदेशक (Johan Rockström-Potsdam Institute for Climate Impact Research (PIK), Member of the Leibniz Association, Potsdam, Germany) के अनुसार, "हम एंथ्रोपोसिन युग में हैं। यह वो वक़्त है जब मानव गतिविधियों का हमारे ग्रह पर प्रभाव पड़ता है। हम पूरे ग्रह की स्थिरता और रेज़ीलिएंस को खतरे में डाल रहे हैं। यही कारण है कि, पहली बार, हम न केवल अर्थसिस्टम स्टेबिलिटी औररेज़ीलिएंस बल्कि मानव कल्याण और समानता/न्याय के संदर्भ में भी हमारे ग्रहों के स्वास्थ्य की स्थिति का आकलन करने के लिए मात्रात्मक संख्या और एक ठोस वैज्ञानिक आधार प्रस्तुत कर रहे हैं।" 

अर्थ कमीशन की सह-अध्यक्ष और एम्स्टर्डम यूनिवर्सिटी में एन्वॉयरमेंटएंड डेवलपमेंट इनद ग्लोबल साऊथकी प्रोफेसर, सह-लेखक प्रो. जोइता गुप्ता (Joyeeta Gupta- Professor of Environment and Development in the Global South, Amsterdam Institute for Social Science) के अनुसार- “ग्रहों की सीमाओं में रहने के लिए न्यायपूर्ण मानवता के लिए ज़रूरी है। हैवी वेट इन्वायरमेंट असिस्मेंट के दौरान यह निष्कर्ष वैज्ञानिक समुदाय के कई आकलनों में देखा गया है। यह कोई राजनीतिक चयन नहीं है। ठोस सबूतसे पता चलता है कि ग्रह स्थिरता के लिए एक न्यायपूर्ण और सामान दृष्टिकोण ज़रूरी है। जस्टिस के बगैर हम बायोफिज़िकली सेफ प्लेनेट नहीं पा सकते हैं।" 

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अर्थ कमीशन नेक्लाइमेट, बायो डायवर्सिटी, फ्रेश वाटर और हवा, मिट्टीऔर पानी के विभिन्न प्रकार के प्रदूषण के लिए सुरक्षित और न्यायपूर्ण सीमाओं को निर्धारित किया है जिनमें अधिकतर का उल्लंघन हो चुका है। उदाहरण के लिए मानव की गतिविधियाँ वाटरफ्लो में बदलाव ला रही हैं, फर्टिलाइज़र के इस्तेमाल के चलते बड़ी मात्रा में पोषक तत्व वाटरफ़्लोज़ में छोड़े जाते हैं, जिसके प्रभाव से कम इलाक़ा ही बचा रह गया है। इकोसिस्टम और लोगों द्वारा किया जाने वाला योगदान एक स्टेबल प्लेनेट के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा करता है।

दुनिया पहले ही सुरक्षित और न्यायसंगत क्लाइमेट बाउंड्री पार कर चुकी है, जो प्री इंडस्ट्रियल टेम्परेचर स्तरों से 1 डिग्री सेल्सियस ऊपर निर्धारित है, जिससे लाखों लोग पहले से ही जलवायु परिवर्तन के मौजूदा स्तर से नुकसान उठा रहे हैं। 

दुनिया को जलवायु से परे सुरक्षित भविष्य के लिए वैश्विक लक्ष्यों की जरूरत है। ग्लोबल टारगेट सेटिंग ने जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित किया है और पेरिस समझौते के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे और 1.5 डिग्री सेल्सियस पर फोकस किया है। साफ तौरपर विज्ञान भी यही कहता है कि धरती पर अन्य सभी ग्रह पर रहने की क्षमता निर्धारित करने वाली बायोफिज़िकल सिस्टम और प्रक्रियाओं का प्रबंधन करने की ज़रूरत है। 

केवल न्यायपूर्ण सीमाएं ही मानव जोखिम वाले महत्वपूर्ण नुकसान को कम करती हैं। महत्वपूर्ण नुकसान को इस रूप में परिभाषित किया गयाहै: अर्थ सिस्टम परिवर्तन से देशों, समुदायों और व्यक्तियों पर व्यापक गंभीर अस्तित्व सम्बन्धी या अपरिवर्तनीय नकारात्मक प्रभाव, जैसे जीवन का नुकसान, आजीविका या आय, विस्थापन, भोजन, पानी या पोषण सुरक्षा की हानि, पुरानी बीमारी, चोट या कुपोषण। सुरक्षित और न्यायसंगत अर्थ सिस्टम सीमा की पहचान करने के लिए सुरक्षित और न्यायोचित सीमाएँ निर्धारित मात्रा के स्तरों की कड़ी होती है।

Security and justice for humanity on Earth assessed for the first time

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