Behind HUG20? The vishwa Mockery by Vishwa Mitras while we watched
जी 20 आयोजन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी काफी उत्साहित हैं। संसद के विसेष सत्र के दौरान भी जी20 को लेकर समूचा सत्ता पक्ष काफी उत्साहित नजर आया, लेकिन कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा कनाडा में एक सिख की हत्या के पीछे भारत की एजेंसियों का हाथ लगाने के मिथ्या आरोप के बाद जी20 का खुमार उतरता नजर आया।
अब कोलकाता के अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ ने आज अपने मुख पृष्ठ पर जी20 के जरिए विश्वमित्र बनने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावों की धज्जियां उड़ा दी हैं।
अखबार ने “हग 20 के पीछे? विश्वामित्र द्वारा विश्व मॉकरी, जो हम देख रहे थे” शीर्षक से वैश्विक नेताओं को काल्पनिक विचार प्रकट किए हैं।
अखबार लिखता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन के बाद भारत विश्व मित्र बनकर उभरा है। पता चला कि पर्दे के पीछे सौहार्द के अलावा कुछ और भी सामने आ रहा था।
अखबार ने जी20 शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अन्य जी20 नेताओं द्वारा महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्दांजलि अर्पित करते हुए फोटो पर इन नेताओं के काल्पनिक विचार लिखे हैं
अखबार लिखता है कि निम्नलिखित काल्पनिक विचार बुलबुले कनाडाई हत्या के बारे में अब तक ज्ञात जानकारी पर आधारित हैं-
ली क़ियांग (चीनी): देखिए, उनके बीच कितनी अच्छी बॉन्डिंग है। काश मेरे भी ऐसे दोस्त होते।
नरेंद्र मोदी- कनाडाई व्यक्ति ने मुझे बताया कि हमारे लोगों ने उसके देश में एक व्यक्ति को मार डाला। हमने इससे साफ इनकार कर दिया है.' किस गुरु ने कहा था, "हर चीज़ का खंडन करो और किसी बात की पुष्टि मत करो?" उस गुरु की स्तुति करो. मेरा दोस्त जो मेरे साथ है.
जो बिडेन: हमारे लोगों ने कनाडाई लोगों को ऐसे संदर्भ पेश किए जिससे कनाडाई व्यक्ति को यह निष्कर्ष निकालने में मदद मिली कि भारत इसमें शामिल था। लेकिन मैंने भारतीय व्यक्ति से कहा है कि हमारे लोग किसी का पक्ष नहीं लेंगे। और मैंने अपने लोगों से कहा है कि वे पत्रकारों को बताएं कि किसी का पक्ष न लेने का मतलब यह नहीं है कि हम कनाडा के पक्ष में नहीं हैं। हम अपने दोस्त मोदी के पक्ष में भी हैं।
ऋषि सुनक (यूके) और एंथोनी अल्बानीज़ (ऑस्ट्रेलिया): जाहिर है, हम भी जानते हैं क्योंकि हम पांच आंखों (अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खुफिया-साझाकरण गठबंधन) का हिस्सा हैं। लेकिन क्या हमारे लोगों ने मुझे बताया?
जस्टिन ट्रूडो: मैंने भारतीय व्यक्ति से कहा कि आपके लोगों ने मेरे बंदे को मार डाला। उन्होंने इससे इनकार किया है लेकिन मैंने उसे स्वीकार नहीं किया।' जब तक मैं घर वापस न आ जाऊं तब तक क्या।
भारत कनाडा विवाद की पृष्ठभूमि-
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने देश की संसद में कहा था कि इस साल जून में कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में जो हत्या हुई थी, इसके पीछे भारतीय एजेंटों की भूमिका हो सकती है।
जस्टिन ट्रूडो ने कहा था, "कनाडा की एजेंसियों ने पुख्ता तौर पर पता किया है कि कनाडा की ज़मीन पर कनाडाई नागरिक की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ हो सकता है. हमारी ज़मीन पर हुई हत्या के पीछे विदेशी सरकार का होना अस्वीकार्य है और ये हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है।"
जस्टिन ट्रूडो के इस बयान के बाद कनाडा ने भारत के शीर्ष राजनयिक को निष्कासित कर दिया था। जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने भी कनाडा के शीर्ष राजनयिक को पांच दिनों के अंदर भारत छोड़ने का आदेश दे दिया था। साथ ही कनाडा में भारतीय दूतावास ने वीज़ा सेवाओं पर ये कहते हुए रोक लगा दी कि "ऑपरेशनल कारणों से फिलहाल ये सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं।"
भारत पर आरोप लगाने के बाद कनाडा की राजधानी ओटावा में हुए एक संवाददाता सम्मेलन में शुक्रवार को ट्रूडो ने कहा कि उन्होंने कई सप्ताह पहले भारत को इस बारे में जानकारी दी थी।
उन्होंने कहा, "भारत के बारे में कह सकता हूं कि सोमवार को मैंने जो कहा था उससे जुड़े विश्वसनीय कारण कनाडा ने भारत के साथ कई सप्ताह पहले साझा किए थे।"
हालांकि उन्होंने इस मामले की जांच में भारत के सहयोग की इच्छा जताई। ट्रूडो ने कहा, "हम भारत के साथ सकारात्मक तरीके से काम करना चाहते हैं और उम्मीद करते हैं कि इस गंभीर मुद्दे की तह तक पहुंचने के लिए वो हमारे साथ सहयोग करेंगे।"
कनाडा के बयान पर अमेरिका की प्रतिक्रिया
जस्टिन ट्रूडो ने जब ये आरोप लगाए थे, उसके बाद इसे लेकर अमेरिका ने गहरी चिंता जताई थी। साथ ही अमेरिका ने कहा था कि मामले की तह तक पहुंचने के लिए और कसूरवारों को सज़ा दिलाई जाए। इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल का सवाब देते हुए कहा कि, "पहला तो ये कि कनाडा के प्रधानमंत्री ने जो आरोप लगाए हैं अमेरिका उन्हें गंभीरता से लेता है। हम इस मुद्दे पर कनाडा के साथ लगातार संपर्क में हैं।"
एंटोनी ब्लिंकन ने कहा था, "ये ज़रूरी है कि इस मामले की कनाडा गंभीरता से जांच करे और इसमें भारत सहयोग करे। इसके लिए ज़िम्मेदारी तय की जाए। इस पर हम भारत सरकार के साथ भी लगातार संपर्क में हैं।"
ब्लिंकन ने कहा था, सीमा के बाहर हम कथित दमन की किसी भी घटना को लेकर बेहद सतर्क हैं, अमेरिका इसे बेहद गंभीरता से लेता है और अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया के लिए यह ज़रूरी है कि कोई भी देश जो इस तरह के काम में शामिल होने के बारे में सोच सकता है, वह ऐसा न करे। यह कुछ ऐसा है जिस पर हम और व्यापक तरीके से ध्यान दे रहे हैं।
अब कनाडा- भारत के बिगड़ते संबंधों पर द टेलिग्राफ की खबर पश्चिमी दोशों के दोहरे रवैये और जी20 को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुशफहमी पर कड़ी टिप्पणी है।